जानिए सावन माह में आने वाले हैं कौन-कौन से पर्व | संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी)

जानिए सावन माह में आने वाले हैं कौन-कौन से पर्व, संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी) हिन्दी पंचांग के अनुसार इस माह जुलाई में कई बड़े पर्व आ रहे हैं। जुलाई में सावन माह रहेगा, नाग पंचमी मनाई जाएगी और तीन एकादशियां रहेंगी। जानिए जुलाई और अगस्त २०२० की खास तिथियां और उन तिथियों पर कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं… १ जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा करें और उपवास करें। ५ जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। इस…

जानें क्या है चातुर्मास एवं व्रत की महिमा | आज 01 जुलाई से 26 नवम्बर 2020 तक रहेगा चातुर्मास | पढ़ें विस्तार से

जानें क्या है चातुर्मास एवं व्रत की महिमा | बालसंत श्री मणिराम दास जी महाराज (श्री धाम अयोध्या जी) चातुर्मास्य व्रत की महिमा एक हजार अश्वमेध यज्ञ करने से जिस फल की प्राप्ति होती है, उसी फल की प्राप्ति चातुर्मास व्रत के नियम पूर्वक अनुष्ठान करने मात्र से मनुष्य प्राप्त कर सकता है। ०१ जुलाई ३०२० बुधवार से २६ नवम्बर २०२० गुरुवार तक चातुर्मास रहेगा। आषाढ़ के शुक्ल पक्ष में एकादशी के दिन उपवास करके मनुष्य भक्तिपूर्वक चातुर्मास्य व्रत प्रारंभ करे। एक हजार अश्वमेघ यज्ञ करके मनुष्य जिस फल को पाता…

जानें देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व एवं पुण्यफल | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी)

जानें देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व एवं पुण्यफल | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी) देव शयनी एकादशी व्रत ( भगवान विष्णु का शयन काल ) देवशयनी एकादशी मुहूर्त – एकादशी तिथि प्रारम्भ- १ जुलाई २०२० दिन बुधवार, पारण (व्रत तोड़ने का) समय २ जुलाई २०२०, सुबह ५:२७ से ०८:१४ तक। सनातन धर्म में बताए सभी व्रतों में आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी का व्रत उत्तम माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। देवशयनी एकादशी…

मंगलवार को हनुमानजी की ऐसे करें पूजा और दूर करें सारे कष्ट – बाल संत श्री मणिराम दास जी महाराज

मंगलवार को हनुमानजी की ऐसे करें पूजा और दूर करें सारे कष्ट – बाल संत श्री मणिराम दास जी महाराज (श्री धाम अयोध्या जी) मंगलवार का दिन बजरंगबली का दिन होता है। हिंदू धर्म में हनुमान जी का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा, उपासना, मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करने मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं । हर प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। धर्मिक मान्यतानुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राघवेन्द्र सरकार जी की आज्ञा का पालन करते हुए…

श्री “राम” नाम है सभी प्रकार के रोगों की रामबाण औषधि | संत श्री मणिराम दास जी महराज

रघुपति भगति सजीवन मूरी। अनूपान श्रद्धा मति पूरी॥ एहि बिधि भलेहिं सो रोग नसाहीं। नाहिं त जतन कोटि नहिं जाहीं॥ भावार्थ:-श्री रघुनाथजी की भक्ति संजीवनी जड़ी है। श्रद्धा से पूर्ण बुद्धि ही अनुपान (दवा के साथ लिया जाने वाला मधु आदि) है। इस प्रकार का संयोग हो तो वे रोग भले ही नष्ट हो जाएँ, नहीं तो करोड़ों प्रयत्नों से भी नहीं जाते॥ ‘व्याधि अनेक हैं, वैद्य अनेक हैं, उपचार भी अनेक हैं; किन्तु यदि व्याधि को एक ही देखें और उसको मिटाने वाला वैद्य एक राम ही है—ऐसा समझें…

आज (27/06/2020) का पंचांग और राशिफल |

आज दिनांक (27/06/2020), कुंडली के आधार पर जाने कैसे होगा आपका आज का दिन ? ज्योतिष शास्त्र की 12 राशियां :  (मेष (Aries), वृषभ (Taurus), मिथुन (Gemini), कर्क (Cancer), सिंह (Leo), कन्या (Virgo), तुला (Libra), वृश्चिक (Scorpio), धनु (Sagittarius), मकर (Capricorn), कुंभ (Aquarius) और मीन (Pisces)). आज का पंचांग और राशिफल आज का पञ्चाङ्ग शनिवार, २७ जून २०२० सूर्योदय: 🌄 ०५:२६ सूर्यास्त: 🌅 ०७:२५ चन्द्रोदय: 🌝 ११:११ चन्द्रास्त: 🌜२४:०९ अयन 🌕 उत्तरायणे (दक्षिणगोलीय) ऋतु: 🍂 ग्रीष्म शक सम्वत: 👉 १९४२ (शर्वरी) विक्रम सम्वत: 👉 २०७७ (प्रमादी) मास 👉 आषाढ़ पक्ष 👉…

क्यों जरूरी है रुद्राभिषेक करना? जानें रुद्राभिषेक के १८ आश्चर्यजनक तथ्य! | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज

रुद्राभिषेक अर्थात रुद्र भूतभावन शिव का अभिषेक शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। इसलिए — हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है। तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है ।और उनके सभी मनोरथ…

जानें 2020 में श्रावण मास के सभी मुख्य पर्व एवं उपवास के बारे में | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज

सोमवती अमावस्या २० जुलाई को है, इसलिए इस बार श्रावण का महत्व अधिक माना गया है। श्रावण मास में तीन बार अमृत सिद्धि योग भी आया है। ६ जुलाई से प्रारंभ होने वाले श्रावण मास में पहला सोमवार ६ जुलाई को, दूसरा सोमवार १३ जुलाई को, तीसरा सोमवार २० जुलाई को (सोमवती अमावस्या), चौथा सोमवार २७ जुलाई और अंतिम पांचवां सोमवार ३ अगस्त को है। सावन मास में- श्रावण मास के चार मंगलवार को मंगला गौरी व्रत है।( काशी में विशेष रूप से मनाया जाता है) ७ जुलाई को श्रावण…

पति पत्नी का प्रेम | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी)

एक सेठ जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था जिसका नाम था रामलाल जैसे ही राम लाल के फ़ोन की घंटी बजी रामलाल डर गया। तब सेठ जी ने पूछ लिया ?? “रामलाल तुम अपनी बीबी से इतना क्यों डरते हो?” “मै डरता नही सर् उसकी कद्र करता हूँ उसका सम्मान करता हूँ।”उसने जबाव दिया। मैं हँसा और बोला-” ऐसा क्या है उसमें? ना सुरत ना पढी लिखी!” जबाव मिला-” कोई फरक नही पडता सर् कि वो कैसी है पर मुझे सबसे प्यारा रिश्ता उसी का…

मन के विकार ही बन जाते हैं रोग | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी)

‘जगत को किसने जीता? जिसने मन को जीता। मन को जीत कर ही संसार पर विजय प्राप्त की जा सकती है; क्योंकि मन ही बन्धन और मोक्ष का हेतु हैं।’ शंकराचार्यजी सभी रोगों का कारण अशुद्ध मन : – ‘मन को ही सारे अनर्थों की जड़’ मानते हुए कहा गया है-जिस मनुष्य का मन बिगड़ता है, उसका स्वभाव भी बिगड़ जाता है। आयुर्वेद ने रोगों का मूल कारण कीटाणु को नहीं अपितु मनोविकारों के कारण रोग के कीटाणुओं का उत्पन्न होना माना है। अन्तर्मन में व्याप्त भय, क्रोध, ईर्ष्या, घृणा,…