वास्तुशास्‍त्र की आठ प्रमुख दिशाएं एवं उनके महत्व | आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र

वास्तुशास्‍त्र में आठ प्रमुख दिशाओं का जिक्र आता है, जो मनुष्य के समस्त कार्य-व्यवहारों को प्रभावित करती हैं। इनमें से प्रत्येक दिशा का अपना-अपना विशेष महत्व है। अगर आप घर या कार्यस्थल में इन दिशाओं के लिए बताए गए वास्तु सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक परिणाम आपके जीवन पर होता है। इन आठ दिशाओं को आधार बनाकर आवास/कार्यस्थल एवं उनमें निर्मित प्रत्येक कमरे के वास्तु विन्यास का वर्णन वास्तुशास्‍त्र में आता है। ब्रहांड अनंत है। इसकी न कोई दशा है और न दिशा। लेकिन हम पृथ्वीवासियों के…

जानें क्यों डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के नाम पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस | संत श्री मणिराम दास

जानें क्यों डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के नाम पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें पूरा इतिहास | संत श्री मणिराम दास (मनी भईया) शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है. हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल बंद ही रहेंगे, इसलिए इस बार स्कूलों में कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे… शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है. हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल बंद ही रहेंगे, इसलिए इस बार स्कूलों में कार्यक्रम…

जानें क्यों करना चाहिए प्रणाम – आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र |

आज किसी ने तार्किक प्रश्न किया की ॐ और हरी ॐ तो ठीक है पर प्रणाम क्यों? प्रणामोशीलस्य नित्यं वृद्धोपि सेविन:, तस्य चत्वारि वर्धन्ते, आयु: विद्या यशो बलं। अर्थात – प्रणाम करने वाले और बुजुर्गों की सेवा करने वाले व्यक्ति की आयु, विद्या, यश और बल चार चीजें अपने आप बढ़ जाती हैं। सीय राममय सब जग जानी, करउं प्रनाम जोरि जुग पानी। बन्दउं सन्त असज्जन चरना, दुखप्रद उभय बीच कछु बरना। मतलब यह कि वह सभी को प्रणाम करने का सन्देश देते हैं। उनके अनुसार सम्पूर्ण संसार में भगवान…

प्राण चिकित्सा क्या होती है और उससे होने वाले फ़ायदे | डॉ0 विजय शंकर मिश्र

प्राण उस डोरी के सामान है जिसके एक सिरे से शरीर और दुसरे सिरे से आत्मा बंधी है इस डोरी के टूटते ही शरीर और आत्मा अलग अलग हो जाते हैं इसको ही मृत्यु कहा जाता है प्राण रुपी डोरी को मजबूती देने से अर्थात प्राणायाम करने से जीवन लम्बा व् ओजस्वी बनता है | प्राण का नियंत्रण मन पर है क्यूंकि सांस को लेना बंद करके मन बैचैन हो उठता है दीर्घ श्वास लेने पर मन शांत हो जाता है तनाव गायब हो जाता है | मन का नियंत्रण…

“मुक्तिदायिनी” है बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी | डॉ0 विजय शंकर मिश्र

काशी संसार की सबसे पुरानी नगरी है। विश्व के सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में काशी का उल्लेख मिलता है- काशिरित्ते.. आप इवकाशिनासंगृभीता:। पुराणों के अनुसार यह आद्य वैष्णव स्थान है। पहले यह भगवान विष्णु (माधव) की पुरी थी। जहां श्रीहरि के आनंदाश्रु गिरे थे, वहां बिंदुसरोवर बन गया और प्रभु यहां बिंधुमाधव के नाम से प्रतिष्ठित हुए। ऐसी एक कथा है कि जब भगवान शंकर ने क्रुद्ध होकर ब्रह्माजीका पांचवां सिर काट दिया, तो वह उनके करतल से चिपक गया। बारह वर्षो तक अनेक तीर्थो में भ्रमण करने पर भी…

रुद्राक्ष के प्रकार, महत्व, लाभ और धारण विधि | आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र

एक मुखी रुद्राक्ष 🔸🔸🔹🔸🔸 इसके मुख्य ग्रह सूर्य होते हैं। इसे धारण करने से हृदय रोग, नेत्र रोग, सिर दर्द का कष्ट दूर होता है। चेतना का द्वार खुलता है, मन विकार रहित होता है और भय मुक्त रहता है। लक्ष्मी की कृपा होती है।* दो मुखी रुद्राक्ष 🔸🔸🔹🔸🔸 मुख्य ग्रह चन्द्र हैं यह शिव और शक्ति का प्रतीक है मनुष्य इसे धारण कर फेफड़े, गुर्दे, वायु और आंख के रोग को बचाता है। यह माता-पिता के लिए भी शुभ होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष 🔸🔸🔹🔸🔸 मुख्य ग्रह मंगल, भगवान…

अनन्त चतुर्दशी सितम्बर 1, 2020 विशेष | व्रत की महिमा एवं पूजन विधि | आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र

व्रत की महिमा 〰️〰️〰️〰️ पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल से अनंत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत हुई। यह भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। अनंत भगवान ने सृष्टि के आरंभ में चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इन लोकों का पालन और रक्षा करने के लिए वह स्वयं भी चौदह रूपों में प्रकट हुए थे, जिससे वे अनंत प्रतीत होने लगे। इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल देने…

जानें पूर्वजन्म की घटनाओं को देखने की विधि का रहस्य | डॉ0 विजय शंकर मिश्र

हिंदू धर्म के अनुसार मनुष्य का केवल शरीर मरता है उसकी आत्मा नहीं। आत्मा एक शरीर का त्याग कर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है, इसे ही पुनर्जन्म कहते हैं। नया जन्म लेने के बाद पिछले जन्म कि याद बहुत ही कम लोगों को रह पाती है। इसलिए ऐसी घटनाएं कभी कभार ही सामने आती है। लेकिन यदि कोई इंसान चाहे तो वो अपने पूर्वजन्म की घटनाओं को देख सकता है। माना जाता है कि मनुष्य अगर प्रयास करे वर्तमान जीवन से पहले के 9 जन्मों तक के बारे में…

माता पिता को दुखी कर के गणेश जी को खुश करना नहीं है संभव | डॉ0 विजय शंकर मिश्र

माता-पिता की तीन परिक्रमा से तीनों लोकों की परिक्रमा का पुण्य मिल जाता है, जो पृथ्वी की परिक्रमा से भी बडा है। गणेश चतुर्थी से पहले प्रस्तुत है गणेश जी के पांच भजन और विस्तृत जानकारी , भक्तो आप सबो से अनुरोध है की अपने मित्रो के साथ शेयर करके सबो को ज्ञान गंगा के धारा से जोड़े। गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। विघ्नहर्ता, बुद्धि प्रदाता, लक्ष्मी प्रदाता गणेश को प्रसन्न…

कुंडली में सूर्य ग्रह से संबंधित जानकारी, समस्या और उपाय | आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र

ज्योतिष में सूर्य को राजा की पदवी प्रदान की गयी है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा एवं पिता का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य द्वारा ही सभी ग्रहों को प्रकाश प्राप्त होता है और ग्रहों की इनसे दूरी या नजदीकी उन्हें अस्त भी कर देती है। सूर्य सृष्टि को चलाने वाले प्रत्यक्ष देवता का रूप हैं। कुंडली में सूर्य को पूर्वजों का प्रतिनिधि भी माना जाता है। सूर्य पर किसी भी कुंडली में एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव होने पर उस कुंडली में पितृ दोष का निर्माण…