मै अगर नींद बनूँ तो तुम मेरा ख्वाब बनो, तुम दूर हो तो दूर सही पर मेरे साथ चलो, मोहब्बत को एक तरफ़ा रहने दो तुम मुझपर विश्वास करो, पतझर मै बन जाता हूँ तुम बसंत की बहार बनो | धुप में बिखरने लगूँ तो घनघोर बादल बन छाँव करो, सूखने लगे मन मेरा तो उम्मीदों की बरसात करो, दीदार की हो ख्वाहिश तो तुम फलक का चाँद बनो, धरती मैं बन जाता हूँ तुम मेरा आसमान बनो | मैं अँधेरा बनूँ तो तुम पूनम की रात सजाये रखो, मैं…
Category: Art & Entertainment
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मुंबई लोकल ट्रेन में सफर करते थे सोनू सूद | स्ट्रगल के समय की एक पुरानी तस्वीर हो रही वायरल। तस्वीर देखे।
सोनू ने एक यूजर द्वारा यह ट्वीट अपने फोटो के साथ साझा की। दरअसल यह तस्वीर तब की है जब सोनू 23 साल के थे और मुंबई मे एक्टर बनने का सपना लेकर आए थे। बाॅलीवुड एक्टर सोनू सूद आजकल प्रवासी मजदूरो को लेकर चर्चा में हैं। उन्होने कई मजदूरो को उनके घर पहुँचाने मे मदद की और अभी भी कर रहे हैं। असहाय लोगो की मदद कर नेक काम कर रहे अभिनेता की यह पुरानी तस्वीर सामने आई है जो वायरल हो रही है। उन दिनो सोनू मुम्बई पश्चिम…
बेबस और मजबूर हैं लोग, भिखारी नहीं – बालकलाकार “हर्ष शर्मा” के दिल से निकली भाउक कर देनी वाली कविता | सुनें पूरी कविता
करोना जैसी भयंकर महामारी की वजह से बेबस और मजबूर लोगों की मदद के नाम पर जो लोग सोशल मीडिया पर दिखावा और खुद को फ़ेमस करने में लगे हैं उनसे बाल कलाकार हर्ष शर्मा ने अपनी कविता ” बेबस और मजबूर ” के जरिए अपील की है कि मदद कीजिये दिल से दिखावे के लिए नहीं बेबस और मजबूर है लोग,भिखारी नहीं … आप को बता दें कि सिरियल “सिया के राम” में आपने हर्ष को कुश की भूमिका में देखा है तथा हर्ष शर्मा ने इस साल की…
खुल गया लॉकडाउन बाहर जाना शुरू करो। पंजाबी अभिनेता गुरप्रीत घुग्गी ने लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लेने वालो के लिए पोस्ट की एक कविता।
पंजाबी अभिनेता गुरप्रीत घुग्गी जो अपनी कॉमेडी भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट की एक व्यंगात्मक कविता। उन्होंने इस वीडियो में लॉकडाउन खुलने पर कुछ लाइनें पढ़ी गई हैं। कविता मूल रूप से वर्तमान समय की स्थिति पर एक हल्के-फुल्के व्यंग्य को दर्शित करती हैं। वीडियो के माध्यम से उन्होंने उन लोगों के लिए एक संदेश साझा किया जो लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वीडियो का शीर्षक है “खुल गया लोखड़ौन बाहर जाना शुरू करो।” गुरप्रीत की इस कविता को…
क्या सलमान खान करने जा रहे एक और स्टार किड को लांच। डायरेक्टर राजकुमार संतोषी की नई फिल्म का पोस्टर ट्वीट के जरिये किया शेयर।
मुंबई. सलमान खान ने प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक राजकुमार संतोषी की नई फिल्म ‘बैड ब्वॉय’ का पोस्टर शनिवार को ट्विटर पर जारी किया। फिल्म का पोस्टर ट्वीट करके सलमान ने लिखा, ‘#बैड ब्वॉय के लिए नमाशी को ढेर सारी शुभकामनाएं। पोस्टर लाजवाब।’ फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी इंडस्ट्री के जाने माने डायरेक्टर कर रहे हैं। इससे पहले वे घायल, दामिनी, अंदाज अपना-अपना, बरसात, घातक, चाइना गेट, पुकार, लज्जा, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, खाकी, फैमिली, हल्ला बोल, अजब प्रेम की गजब कहानी, फटा पोस्टर निकला हीरो जैसी फिल्मों का निर्देशन कर…
मां कुछ दिनों की बात है | कवियत्री: गौरी मिश्रा
फिर रेल चलेगी छुक छुक छुक हम फिर बोलेंगे रुक रुक रुक फिर से जीतेंगे अपने सुख फिर से हारेंगे सारे दुख यह दूर-दूर का साथ है मां कुछ दिनों की बात है रौनक होगी बाजारों में खनखन होगी औजारों में फिर नाचेंगे त्योहारों में इन गलियों इन चौबारों में आने वाली वो सौगात है मां कुछ दिनों की बात है फिर फूल खिलेंगे बागों में फिर धून मचलेगी रागों में फिर से जाएंगे शहरों में मेहनत होगी दोपहरों में कट जाएगी यह बरसात है मां कुछ दिनों की बात…
“मैं सनातन हूँ” | कवि – शेखर “अस्तित्व”
“मैं सनातन हूँ…” मेरा ठोस रूप हिम-कण हैं, मेरा तरल-रूप है पानी ! मेरा वाष्प-रूप बादल हैं ! शाश्वत है मेरी कहानी ! मैं सनातन हूँ । मैं बीज हूं, मैं ही फल हूं, मैं पर्ण, पुष्प, तरुवर हूं । सृष्टी ने जिसे नित गाया, अनहद रूपी वह स्वर हूं । संघर्ष, विजय पथ मेरा, अविरल है मेरी रवानी । हर जीत हुई नतमस्तक, जब हार न मैंने मानी । मैं सनातन हूं । जिसे शस्त्र छेद ना पाए, जिसे अग्नि जला ना पाए । जिसे वायु सुखा सके ना,…
ठेस लगे है मन में मेरे | कवयित्री – सुविधा अग्रवाल “सुवि”
ठेस लगे है मन में मेरे, जब तुम परदा करते हो, अकारण ही तुम मुझसे, हर भेद छिपाया करते हो टूटता हूं सब जानकर फिर, क्यों अपना मुझको कहते हो, बात कोई भी हो जीवन में, निराश क्यों तुम यूं रहते हो अभिप्राय कुछ हो शब्दों का, तुम कुछ समझा करते हो कुछ अच्छा होगा हंसने को, ये बात क्यों भूला करते हो अद्भुत जीवन के सफर में, नित्य नव सीखा करते हो फिर भी तुम क्यों चित्त को, चिंतित रह भेदा करते हो..।। कवयित्री – सुविधा अग्रवाल “सुवि”
लगे ये पीठ में खंजर | कवयित्री अनुराधा पाण्डेय
लगे ये पीठ में खंजर, किसी तो मित्र ने मारे । बहुत कम लोग वरना हैं ,कि जो हों शत्रु से हारे । अगर हो वार सम्मुख से,उसे है झेलना संभव—- मगर यदि घात छुपके हो,प्रभो भी क्या उसे टारे । किसी ने लग रहा जैसे ,अडिग विश्वास को मारा । लगे है दुष्ट पतझर ने ,किसी मधुमास को मारा । बुलाया लग रहा सागर,तृषित को आज धोखे से—– लगे ज्यों आज पनघट ने,बुलाकर प्यास को मारा । कवयित्री : अनुराधा पाण्डेय, द्वारिका,नई दिल्ली।
भारत की अर्थव्यवस्था का अवलोकन | कवि – “पांडेय नज़र इलाहाबादी”
भारत की अर्थव्यवस्था का अवलोकन करने निकला हूँ। इसमें करते जो योगदान, अभिनंदन करने निकला हूँ।। वीर सपूत हैं भारत के जो , पीते और पिलाते हैं। ‘कोरोना के महायुद्ध’ में, वो अपना हाथ बटाते हैं। जैसे ही “सी एम गण “ने उनका , है आह्वान किया। टूट पड़े तन-मन-धन से अपना प्रदेश धनवान किया। चिन्ता उन्हें नहीं थी , खुद जीने की परवाह नहीं। किसी तरह मिल जाये दारू दिल में दूजी चाह नहीं। थी राह न कोई भी खाली, हर जगह दिखाई देते थे। धीरज से लग के…