राम नवमी 2025: रामलला का अभिषेक, 56 भोग और सूर्य तिलक के साथ अयोध्या में हुआ ऐतिहासिक उत्सव
🌞 राम नवमी 2025: रामलला के अभिषेक से लेकर सूर्य तिलक तक, अयोध्या में रचा गया इतिहास
अयोध्या ने 2025 की राम नवमी पर एक दिव्य और ऐतिहासिक दृश्य देखा। 17 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली राम नवमी थी, और इसे अविस्मरणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। राम जन्मभूमि परिसर में रामलला का अभिषेक, 56 भोग अर्पण और सूर्य तिलक जैसे दिव्य अनुष्ठानों के साथ यह पर्व सम्पूर्ण श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया गया।
🕉️ विशेष अभिषेक सम्पन्न
राम नवमी की सुबह भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप का पंचामृत अभिषेक किया गया। देशभर से लाए गए पवित्र नदियों के जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से भगवान का शुद्धिकरण किया गया। मंत्रोच्चार और वैदिक विधि-विधान के साथ पूरा माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया था।
रामलला का विशेष शृंगार भी सम्पन्न हुआ, जिसमें सोने की आंखें, चांदी की पायल, रेशमी वस्त्र और चंदन का लेप लगाया गया। भक्तों ने दर्शन कर इसे जीवन का सौभाग्य माना।
🍛 56 भोग अर्पण की परंपरा निभाई गई
राम नवमी के दिन प्रभु को 56 प्रकार के व्यंजन अर्पित किए गए। इनमें मिठाइयां, फल, परंपरागत पकवान और दक्षिण भारतीय प्रसाद शामिल थे। यह ‘राजभोग’ श्रीराम को राजा स्वरूप में पूजा जाने की परंपरा को दर्शाता है।
श्रद्धालु भी भोग के दर्शन कर भावविभोर हो गए। आयोजकों ने इस अवसर को सम्पूर्ण भक्ति भाव से मनाया।
🔗 भारतीय मंदिरों में भोग परंपरा
🌞 सूर्य तिलक का अद्भुत दृश्य
राम नवमी 2025 का सबसे अद्भुत क्षण वह था जब दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर केंद्रित हुईं। यह वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से ऐतिहासिक घटना थी।
इस सूर्य तिलक प्रक्रिया को संभव बनाने के लिए आईआईटी रुड़की, आईआईटी बॉम्बे और सीएसआईआर-सीबीआरआई की टीमों ने वर्षों तक गणनाएं की थीं। मंदिर की रचना, कोण और प्रकाश के प्रवाह को इतनी सटीकता से तैयार किया गया कि दोपहर के ठीक समय सूर्य की किरणें प्रभु के मस्तक को तिलक कर सकीं।
🔗 जानें सूर्य तिलक की प्रक्रिया
🎶 सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ बनीं आयोजन की शान
राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में आध्यात्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक भव्यता भी देखने को मिली। प्रसिद्ध भजन गायकों, रामकथा वाचकों और लोक कलाकारों ने मंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। मंदिर परिसर में अखंड कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें “राम नाम” की गूंज से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया।
🛡️ सुरक्षा और व्यवस्था रही चुस्त
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए अयोध्या प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी निगरानी, क्यूआर कोड स्कैनिंग, मेडिकल टीम्स, और मोबाइल टॉयलेट्स जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं।
श्रद्धालुओं के लिए वॉटर स्टॉल्स और हेल्प डेस्क की भी पर्याप्त व्यवस्था रही, जिससे हर कोई शांतिपूर्ण ढंग से दर्शन और पूजा कर सका।
📷 दर्शन और लाइव स्ट्रीमिंग का भी लाभ
सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक लाखों श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। जो लोग अयोध्या नहीं पहुंच सके, उन्होंने मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित लाइव दर्शन सुविधा का लाभ उठाया।
श्रद्धा और विज्ञान का अद्भुत संगम
राम नवमी 2025 को अयोध्या में जिस तरह श्रद्धा, विज्ञान और सांस्कृतिक भव्यता का संगम देखने को मिला, वह भारत की परंपरा और तकनीकी प्रगति दोनों का प्रतीक है। रामलला का अभिषेक, 56 भोग अर्पण और सूर्य तिलक न केवल भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव रहा, बल्कि यह आयोजन इतिहास में अमिट रूप से दर्ज हो गया।
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