पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक: बोलन दर्रे में सुरंगों के बीच फंसी जाफर एक्सप्रेस, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक: बोलन दर्रे में सुरंगों के बीच फंसी जाफर एक्सप्रेस, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी


हाईजैक की घटना का विवरण

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को पेशावर जा रही ‘जाफर एक्सप्रेस’ ट्रेन को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के विद्रोहियों ने हाईजैक कर लिया। इस ट्रेन में नौ बोगियां थीं, जिनमें लगभग 500 लोग सवार थे। इन यात्रियों में पाकिस्तानी सेना और सीक्रेट एजेंट्स की भी बड़ी संख्या शामिल थी।

जैसे ही ट्रेन क्वेटा से लगभग 157 किलोमीटर दूर मशकाफ टनल (Mashkaf Tunnel) में दाखिल हुई, घात लगाए बैठे बलूच विद्रोहियों ने ट्रेन पर हमला बोल दिया। उन्होंने टनल नंबर 8 में ट्रेन को रोककर कब्जे में ले लिया।

रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां

पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 104 बंधकों को सुरक्षित छुड़ाया जा चुका है। इनमें 50 से अधिक पुरुष, 30 महिलाएं और कई बच्चे शामिल हैं। हालांकि, ऑपरेशन को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

  • भूगोलिक चुनौतियां: यह इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ है, जो रेस्क्यू ऑपरेशन को और कठिन बना देता है।
  • नेटवर्क की समस्या: मोबाइल नेटवर्क की अनुपलब्धता के कारण संवाद स्थापित करने में मुश्किलें हो रही हैं।
  • विद्रोहियों की रणनीति: विद्रोही दो समूहों में बंटे हुए हैं, जिससे उनके खिलाफ रणनीति बनाना कठिन हो गया है।

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि ट्रेन को पेहरा कुनरी और गदालर के बीच फायरिंग कर रोका गया। बोलन के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर के अनुसार, यह पूरा इलाका सुरंगों से भरा है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन और भी जटिल हो गया है।

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बलूच विद्रोह की पृष्ठभूमि

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत माना जाता है। यहां 1948 से ही बलूचों और पाकिस्तानी सरकार के बीच तनाव बना हुआ है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्रता की मांग कर रही है।

हाल के वर्षों में चीन की इस क्षेत्र में बढ़ती उपस्थिति ने भी तनाव को और बढ़ाया है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) बलूचिस्तान से होकर गुजरता है, जिसका BLA विरोध करता है।

BLA की मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर स्वतंत्र राष्ट्र बनाया जाए। उनका मानना है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार या सुरक्षा एजेंसियों की कोई उपस्थिति नहीं होनी चाहिए।

पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद सेना का मनोबल मजबूत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी बंधकों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

जाफर एक्सप्रेस का हाईजैक पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सुरक्षा संकट बन चुका है। इस घटना ने बलूचिस्तान में विद्रोही गतिविधियों की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है। अब देखना होगा कि पाकिस्तानी सेना इस चुनौती का सामना कैसे करती है।

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