छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शन: भूपेश बघेल के बेटे के ठिकानों पर छापेमारी
15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई घोटाले की गहन जांच के तहत की गई है, जिसमें चैतन्य बघेल का नाम सामने आया था।
पहले भी हो चुकी है ED की कार्रवाई
इस घोटाले में ED पहले भी कई प्रभावशाली कदम उठा चुकी है। मई 2024 में एजेंसी ने:
- पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा
- रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर
- अन्य आरोपियों की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
तब लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को जब्त किया गया था, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी।
किन संपत्तियों पर हुई थी कुर्की?
- अनिल टुटेजा: 14 संपत्तियां (15.82 करोड़ रुपये)
- अनवर ढेबर: 115 संपत्तियां (116.16 करोड़ रुपये)
- विकास अग्रवाल: 3 संपत्तियां (1.54 करोड़ रुपये)
- अरविंद सिंह: 33 संपत्तियां (12.99 करोड़ रुपये)
- अरुण पति त्रिपाठी: 1 संपत्ति (1.35 करोड़ रुपये)
शराब घोटाले का पूरा मामला क्या है?
- 2017 में स्थापना: छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) का गठन शराब की खरीद-फरोख्त नियंत्रित करने के लिए किया गया।
- आरोप: सरकार बदलने के बाद, निगम एक संगठित सिंडिकेट के नियंत्रण में आ गया।
- सिंडिकेट का काम: सरकारी निविदाएं सिंडिकेट से जुड़े लोगों को दी गईं और अवैध शराब बिक्री से बड़ा कमीशन कमाया गया।
- धन का स्थानांतरण: यह अवैध धन अनवर ढेबर को सौंपा गया, जिसने कथित रूप से इसे एक राजनीतिक दल तक पहुंचाया।
अब इस मामले में चैतन्य बघेल की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
- ईडी ने जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की जांच शुरू कर दी है।
- एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
- राजनीतिक गलियारों में इस कार्रवाई को लेकर चर्चाएं तेज हैं।
छत्तीसगढ़ में इस घोटाले की जांच से जुड़ी हर अपडेट पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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