शाहरुख, अजय, टाइगर कंज्यूमर कोर्ट में तलब – विमल पान मसाला विवाद
नई दिल्ली: बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को जयपुर कंज्यूमर कोर्ट में तलब किया गया है। साथ ही, विमल इंडस्ट्रीज के चेयरमैन को भी नोटिस जारी किया गया है। इन पर आरोप है कि वे अपने विज्ञापनों के माध्यम से विमल पान मसाले में केसर होने का दावा कर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं।
कंज्यूमर कोर्ट की सुनवाई और नोटिस
जयपुर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने 5 मार्च को इस मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई 19 मार्च को सुबह 10 बजे होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि आरोपी या उनके अधिकृत प्रतिनिधि उपस्थित नहीं होते हैं, तो एकपक्षीय निर्णय लिया जाएगा।
विमल इंडस्ट्रीज पर धोखाधड़ी का आरोप
विमल पान मसाला बनाने वाली कंपनी जेबी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन पर आरोप है कि वे केसर का नाम लेकर उपभोक्ताओं को लुभा रहे हैं, जबकि उत्पाद में केसर मौजूद ही नहीं है। जयपुर के वकील योगेंद्र सिंह बडियाल की शिकायत पर यह नोटिस जारी किया गया।
बॉलीवुड स्टार्स पर भी सवाल
पान मसाला कंपनियां विज्ञापन के जरिए करोड़ों रुपए कमा रही हैं, और बड़े फिल्मी सितारों को अपने प्रचार में शामिल कर जनता को प्रभावित कर रही हैं। इस वजह से आम लोग इन उत्पादों के आकर्षण में आ रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
“केसर का दम” – एक भ्रम?
शिकायतकर्ता योगेंद्र सिंह बडियाल का दावा है कि “दाने-दाने में केसर का दम” टैगलाइन के जरिए उपभोक्ताओं को झांसा दिया जा रहा है। केसर की वास्तविक कीमत लगभग 4 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि विमल पान मसाले की कीमत महज 5 रुपये है। इससे साफ जाहिर होता है कि उत्पाद में केसर की मौजूदगी संदेहास्पद है।
जनता के स्वास्थ्य पर प्रभाव
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह उत्पाद न केवल झूठे प्रचार से उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रहा है बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहा है। पान मसाला स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
कड़ी कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ता ने निर्माता कंपनी और प्रचार में शामिल हस्तियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने इन पर भारी जुर्माना लगाने और इस प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की भी अपील की है।
क्या बड़े सितारे जिम्मेदार हैं?
कुछ लोग फिल्मी सितारों को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की नकल करते हैं। अगर ये सितारे ऐसे हानिकारक उत्पादों का प्रचार करेंगे, तो आम जनता भी उनसे प्रभावित होकर इनका उपयोग करेगी। यह न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों पर भी गलत प्रभाव डालेगा।
निष्कर्ष
यह मामला दिखाता है कि बड़े ब्रांड और फिल्मी सितारे कैसे उपभोक्ताओं को प्रभावित कर सकते हैं। यह जरूरी है कि ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई हो और जनता को सही जानकारी मिले।
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