तुगलक लेन का बदला नाम? सांसदों की नेमप्लेट पर ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’

तुगलक लेन पर नेमप्लेट पर बदला गया नाम, अब लिखा ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’

बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा और राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के नेमप्लेट परिवर्तन से राजनीतिक हलचल तेज

दिल्ली में सड़कों के नामकरण को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा तथा सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने तुगलक लेन स्थित अपने सरकारी आवासों के बाहर लगी नेमप्लेट पर ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखवा दिया है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी इस सड़क का नाम परिवर्तित नहीं किया गया है, लेकिन इस कदम ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया है।

सांसद दिनेश शर्मा का बयान

सांसद दिनेश शर्मा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“नई दिल्ली स्थित नए आवास 6-स्वामी विवेकानंद मार्ग (तुगलक लेन) में सपरिवार विधि-विधानपूर्वक पूजन-अर्चन कर गृह प्रवेश किया।”

उन्होंने इस पोस्ट के साथ गृह प्रवेश की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। इन तस्वीरों में उनके आवास के बाहर लगी नेमप्लेट पर ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा हुआ स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया

नेमप्लेट परिवर्तन पर सांसद का स्पष्टीकरण

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने स्पष्ट किया कि,
“मुझसे पूछा गया कि कैसी नेमप्लेट चाहिए, तो मैंने कहा कि जैसी वहां आसपास लगी हो, वैसी ही लगा दी जाए।”

उन्होंने यह भी बताया कि नेमप्लेट पर ‘विवेकानंद मार्ग’ के साथ ‘तुगलक लेन’ भी लिखा गया है। साथ ही कहा कि यदि गूगल पर खोज की जाए, तो विवेकानंद मार्ग दिखता है

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सड़कों का नाम बदलना सांसद का कार्य नहीं होता, बल्कि यह प्रक्रिया नगर निगम और राज्य सरकार के स्तर पर पूरी की जाती है। यदि कोई इस नाम परिवर्तन का आधिकारिक प्रस्ताव लाएगा, तो वे उसका स्वागत करेंगे

कैसे होता है दिल्ली में सड़कों के नाम का आधिकारिक परिवर्तन?

दिल्ली में किसी भी सड़क या स्थान का नाम बदलने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसके लिए प्रस्ताव नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) को भेजा जाता है। यह प्रस्ताव विदेश मंत्रालय, किसी गैर-सरकारी संगठन (NGO), या स्थानीय नागरिकों की ओर से प्रस्तुत किया जा सकता है।

प्रक्रिया इस प्रकार है:

✔️ प्रस्ताव को NDMC के जनरल विभाग में भेजा जाता है।
✔️ NDMC की 13-सदस्यीय समिति इस पर विचार करती है।
✔️ यदि समिति मंजूरी देती है, तो इसकी आधिकारिक सूचना NDMC के पोस्ट मास्टर जनरल को दी जाती है।
✔️ गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन अनिवार्य होता है।

गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार:

स्थानीय जनता की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
नए नाम से किसी प्रकार का भ्रम उत्पन्न न हो, यह सुनिश्चित किया जाता है।

राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज

हालांकि, इस मामले में अभी तक आधिकारिक रूप से तुगलक लेन का नाम ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ नहीं बदला गया है, लेकिन सांसदों द्वारा अपने निवास की नेमप्लेट पर इसे प्रदर्शित किए जाने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है

विपक्षी दल इसे भाजपा की ‘नाम बदलने की राजनीति’ करार दे सकते हैं, जबकि भाजपा समर्थकों का मानना है कि यह बदलाव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

अब देखना यह होगा कि क्या इस बदलाव को लेकर कोई आधिकारिक प्रस्ताव आगे बढ़ता है या यह केवल व्यक्तिगत स्तर तक ही सीमित रहेगा


🔍 मुख्य बिंदु:

✔️ सांसद दिनेश शर्मा और मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने आवास की नेमप्लेट पर ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा।
✔️ दिल्ली में सड़क नाम बदलने की प्रक्रिया NDMC और गृह मंत्रालय की मंजूरी से होती है।
✔️ नाम परिवर्तन पर राजनीतिक हलचल, विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया संभव।
✔️ अभी तक आधिकारिक रूप से तुगलक लेन का नाम नहीं बदला गया।


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