महाकुंभ में एक ही नाविक परिवार ने कमाए 30 करोड़, सीएम योगी ने की सराहना

महाकुंभ में एक ही नाविक परिवार ने कमाए 30 करोड़, सीएम योगी ने की सराहना

100 लोगों की कड़ी मेहनत, मां के गहने गिरवी रख बनाए संसाधन, सीएम योगी ने की प्रशंसा

महाकुंभ 2025 ने प्रयागराज के नाविकों के लिए इतिहास रच दिया। नैनी स्थित अरैल के रहने वाले पिंटू मल्लाह और उनके परिवार ने इस मेले के दौरान 130 नावों से 30 करोड़ रुपये की कमाई की। उनकी इस सफलता की गूंज उत्तर प्रदेश विधानसभा तक पहुंची, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी सराहना की और बताया कि महाकुंभ से यूपी को कितना आर्थिक लाभ हुआ।

बड़ा निवेश, बड़ा जोखिम

इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने के लिए पिंटू मल्लाह और उनके परिवार ने बहुत बड़ा जोखिम उठाया। उन्होंने अपनी मां के गहने तक गिरवी रखकर नावों का निर्माण कराया, ताकि महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को नौका सेवा दी जा सके।

शुरुआत में परिवार को इस फैसले पर संदेह था, लेकिन जैसे-जैसे नावों से कमाई बढ़ी, उनके प्रयास सफल साबित हुए।

सीएम योगी की सराहना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पिंटू मल्लाह की सफलता की सराहना की और इसे यूपी के नाविक समुदाय के लिए प्रेरणादायक बताया।

पिंटू के पास खुद 70 नावें थीं, जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्यों के पास 10-20 नावें थीं। परिवार ने मिलकर अथक परिश्रम किया, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई, बल्कि प्रयागराज के नाविक समुदाय को भी एक नई पहचान मिली।

कमाई का गणित: 30 करोड़ रुपये कैसे हुए अर्जित?

नाव निर्माण में 50-60 हजार रुपये प्रति नाव की लागत आई, लेकिन कुंभ के दौरान एक नाव से प्रतिदिन 50 हजार रुपये से अधिक की कमाई हुई।

🔹 प्रति नाव मासिक कमाई: लगभग 23 लाख रुपये
🔹 130 नावों से कुल कमाई: 30 करोड़ रुपये

किराए पर विवाद और पिंटू मल्लाह की सफाई

महाकुंभ के दौरान नावों के किराए को लेकर आरोप लगे कि सरकारी दर (483 रुपये प्रति यात्री) से अधिक शुल्क वसूला गया। इस पर पिंटू मल्लाह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सरकारी दरों का पालन किया, हालांकि कुछ श्रद्धालुओं ने अपनी इच्छा से अतिरिक्त दान दिया था।

नाविक समुदाय में नई उम्मीदें

पिंटू मल्लाह ने कहा कि महाकुंभ उनके लिए किसी महाप्रसाद से कम नहीं था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया, जिनकी योजनाओं के कारण इतने बड़े स्तर पर आयोजन हुआ और नाविक समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिला।

महाकुंभ 2025 ने प्रयागराज के नाविकों के लिए एक आर्थिक क्रांति साबित की है, जिससे पूरे समुदाय को समृद्धि और नए अवसरों की राह मिली है।


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