झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections 2024)
हर पार्टी अपनी जीत का दावा कर रही है और पूरी जोर शोर के साथ ताकत लगा रही है कि इस बार का जो चुनाव है वह उनके हित में हो, लेकिन आदिवासी मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वह अपना वोट किस पार्टी को दे।
ये सफर रांची से शुरू हुआ है अब देखना है कि वहां के चुनाव के नतीजे किस तरीके से अपना योगदान देते हैं, रांची आदिवासी राजनीति का गढ़ रहा है, विधानसभा की 81 सीटों में से 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और प्रदेश में 26 फीसदी आदिवासी वोटर हैं। कार्यक्रम के दौरान मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए और अपना पक्ष बखूबी रखते हुए सहानुभूति जताई, रांची से छह बार के विधायक और भाजपा उम्मीदवार सीपी सिंह ने आदिवासियों की सुरक्षा का सवाल उठाया हैं। साथ ही उन्होंने जेएमएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि जेएमएम ने यहां पर लूट मचा रखी है और यहां की जनता बदलाव चाहती है. और जनता एक बेहतर सरकार चाहती है, जो उनके हित में उनके फायदे के लिए और उनके विकास के लिए फैसला ले।
बहुमत के बाद तय होगा नेता : भाजपा उम्मीदवार
उन्होंने आरोप लगाया कि जेएमएम की सरकार ने महिलाओं, युवाओं, किसानों सहित सबके साथ छल करने का काम किया है। जहाँ एक नेता दूसरे नेता के ऊपर आरोप लगाते हुए उनके कामों पर प्रश्न उठा रहे हैं। वहीं भाजपा से भाजपा उम्मीदवार जीतू चरण राम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम यह विधानसभा चुनाव जीतेंगे और बहुमत आने के बाद तय करेंगे कि हमारा नेता कौन होगा।
महिला सशक्तिकरण सबसे बड़ा मुद्दा
राज्यसभा सांसद और रांची से जेएमएम उम्मीदवार महुआ माजी ने कहा कि झारखंड में सबसे बड़ा मुद्दा महिला सशक्तिकरण का है, कहा कि हमारी महिलाएं सबसे ज्यादा शक्तिशाली है वह जहां भी जाती है अपना परचम लहरा कर आती है और एक छाप छोड़कर आती है, उन्होंने कहा कि दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली बीजेपी की पोल इलेक्टोरल बॉण्ड के सामने आने के बाद खुल गई है, यहाँ के आदिवासी जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं वन की सुरक्षा को लेकर भी काफी आंदोलन हुए लेकिन केंद्र सरकार ने उसे निष्कासित कर दिया, उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि आप कहते हैं कि आपको यहां के जल, जंगल, जमीन की फिक्र है तो झारखंड से पारित सरना धर्म कोड को अब तक क्यों लटका कर रखा है., वरिष्ठ पत्रकार अमरकांत ने कहा कि झारखंड ऐसा राज्य है, जहां पर स्थिति बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. झारखंड को एक शक्तिशाली नेतृत्व की जरूरत है ताकि राज्य की तरक्की और सुरक्षा हो सके, उन्होंने यह भी कहा कि 24 साल हो गए हैं, इन 24 सालों में जो विकास होना चाहिए था, वो कहीं दिख नहीं रहा है, सच्चाई ये है कि मुद्दे से सभी भटके हुए हैं. जनता मुद्दों पर बात नहीं करती है, वह चेहरे पर बात करती है.
झारखंड को इस समय सबसे महत्वपूर्ण किस चीज की जरूरत है वह मुद्दा सब भूल चुके हैं लोगों को विश्वास दिलाने के चक्कर में अपने मुद्दों से भटक चुके हैं ।
चुनावी नतीजों में किसकी सरकार आती है और लोगों का जो मत है वह किसके साथ होता है, जो झारखंड की स्थिति को देखते हुए इस बार शायद सही मतों के द्वारा स्थिति में सुधार हो जाए और झारखंड भी एक शक्तिशाली और विकास पूर्वक देश बन जाए और आदिवासियों को संरक्षण और विकास मिले।