हिजबुल्लाह चीफ़ नसरल्लाह की मौत पर जम्मू कश्मीर में प्रदर्शन बहुत तेज़ी से हो रहा है। लोग सड़कों पर उतर आए जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
हिजबुल्लाह चीफ़ हसन नसरल्लाह की मौत पर जम्मू कश्मीर स्थित बड़गाम शहर में हो रहे प्रदर्शन में पुरूषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हिजबुल्लाह की तस्वीर लिए प्रदर्शन और विरोध कर रहे हैं। हिजबुल्लाह चीफ़ के 64 वर्षीय नेता नसरल्लाह की मौत की घोषणा इज़राइल द्वारा की गई जिसके बाद ही श्रीनगर और और उसके आस पास के शहरों में विरोध और प्रदर्शन शुरू हो गया। गाज़ा में हो रहे इज़राइली हमलों को लेकर श्रीनगर के लालबाजार और आलमगिरी इलाकों में पहले से ही विरोध और प्रदर्शन हो रहे थे, इसलिए प्रशासन के द्वारा श्रीनगर के आतंकी इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आपको बता दें कि हिजबुल्लाह जो ईरान को समर्थन करने वाला आतंकवादी समूह है, उसके नेता नसरल्लाह की हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर बेरूत में इजराइली हमले के दौरान मौत हो गई, जो हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका है।
विरोध प्रदर्शन के बीच महबूबा मुफ़्ती की घोषणा
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्य मंत्री महबूबा मुफ्ती ने नसरल्लाह को शहीद क़रार देते हुए कहा कि वो और उनकी पार्टी गाजा और लेबनान के लोगों के साथ खड़ी हैं।
साथ ही साथ उन्होंने ये घोषणा की है की हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरुल्लाह की हत्या के विरोध में उनकी पार्टी पीडीपी का चुनाव प्रचार बंद रहेगा।
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए यह दावा किया है कि वो लैबनानी और फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ खड़ी हैं और हिजबुल्लाह जिसने यह पुष्टि की है की नजर अल्लाह को इसराइल ने मौत के घाट उतारा है, उसकी मौत का शोक मनाने के लिए मुफ़्ती 29 सितंबर को होने वाले अपने सभी राजनीतिक अभियान को रद्द कर रही हैं।
हिजबुल्लाह ने किया नए नेता का ऐलान
हिजबुल्लाह के नेता नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने अपने नए नेता का ऐलान कर दिया है जिसका नाम हाशिम सफीद्दीन बताया जा रहा है। हाशिम सफी दिन को हिज्बुल्लाह की कमान सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि हाशिम, नसरुल्लाह का रिश्तेदार है हाशिम का जन्म 1964 को दक्षिणी लेबनान में हुआ था। ये पेशे से एक प्रमुख लेबनानी, मौलवी और अब हिजबुल्लाह का सीनियर लीडर है।
गौरतलब है की हसन नसरल्लाह की मौत के बाद अब हिजबुल्लाह ने अपने नए नेता का चुनाव कर लिया है और उसको हिजबुल्लाह की कमान सौंप दी है। हाशिम, नसरल्लाह का बहुत करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ हाशिम एग्जीक्यूटिव काउंसलिंग का प्रमुख भी है और यह इजरायली हमलों से बचता फिर रहा है, इसके अतिरिक्त हाशिम को मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग करने वाली संगठन जिहाद काउंसलिंग का अध्यक्ष बताया जा रहा है। हाशिम के समर्थकों का मानना है कि हाशिम पैगंबर मोहम्मद का वंशज है।
अमेरिका के द्वारा आतंकवादी होने की घोषणा
हाशिम 1994 में लेबनान वापस आया और मजलिस अल शूरा में 1995 में शामिल हुआ जो उस वक्त समूह की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था के नाम से जानी जाती थी। उसने इराक के नज़फ और ईरान की कुम धार्मिक केंद्रों में शिक्षा प्राप्त की थी। संस्था में शामिल होने के बाद उसे जिहाद परिषद का प्रमुख बनाया गया।
2001 में उसे कार्यकारी परिषद के प्रमुख के रूप में चुना गया था। हासिम हिज्बुल्लाह की सर्वोच्च संस्था शूरा परिषद में काम करने वाले 6 मौलवियों में से एक था।
हाशिम को हमेशा से ही नज़र अल्लाह का संभावित उत्तराधिकारी माना जाता था। 2006 में ईरान ने संभावित नेता के रूप में उसका चयन किया था।