प्रयागराज के प्रमुख मंदिरों में प्रसाद चढाने पर रोक
तिरुपति लड्डू (प्रसाद) विवाद अब गहराता जा रहा है, तिरुपति मंदिर विवाद के बाद प्रयागराज में मंदिरों में लड्डू या मिठाई को प्रसाद के रूप में चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है।इसके स्थान पर अब फल, फूल, सूखे मेवे इत्यादि चढ़ाने का आग्रह किया गया है। तिरुपति बाला जी मंदिर में अशुद्ध प्रसाद चढ़ाए जाने की ख़बर के चलते प्रयागराज के मंदिरों में लड्डू ,पेड़े या किसी भी प्रकार के मिष्ठान को प्रसाद स्वरूप चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है।
मंदिर के मुख्य पुजारी ने लिया अहम फैसला
प्रयाग राज के सुप्रसिद्ध माता अलोप शंकरी मंदिर के मुख्य पुजारी शिवमूरत मिश्रा द्वारा यह फैसला लिया गया। शिव मूरत मिश्रा ने बताया कि बीते मंगलवार को मंदिर प्रबंधन में हुई बैठक में सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि मंदिर में किसी भी प्रकार का मिष्ठान नहीं चढ़ाया जायेगा। उन्होंने भक्तों से प्रसाद में सूखे मेवे, फल, नारियल आदि चढ़ाने का अनुरोध किया। प्रयागराज के कई बड़े मंदिरों जैसे मनकामेश्वर, बड़े हनुमान जी माता अलोप शंकरी देवी आदि मंदिरों में इन प्रतिबंधों की घोषणा की गई है, श्री शिव मूरत मिश्रा जी ने इस बात की घोषणा की है। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रबंधन समिति के साथ हुई बैठक में उन्होंने यह निर्णय लिया है की देवी के मंदिर में कोई भी मिष्ठान नहीं चढ़ाया जाएगा, भक्तों से निवेदन है कि वे नारियल फल फूल और सुख मेवे ही लाऐं
मन्दिर परिसर में ही खुलेंगी दुकानें
संवाद दाताओं से वार्तालाप के दौरान मन्दिर प्रमुख शिव मूरत मिश्रा ने यह भी बताया कि मिष्ठान की शुद्धता को लेकर हुए विवाद के पश्चात् उन्होंने मन्दिर परिसर में ही दुकान खोलने की योजना बनाई है ताकि श्रद्धालुओं को शुद्ध मिष्ठान प्राप्त हो सके। मंदिर के प्रमुख संरक्षक और पंचायती अखाड़ा के सचिव श्री यमुनापुरी महाराज के अनुसार प्रयागराज का अलोपी देवी मन्दिर भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक है जहां भारत के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं लेकिन प्रसाद की शुद्धता को मद्देनज़र रखते हुए फिलहाल किसी भी प्रकार के मिष्ठान के चढ़ावे पर रोक लगा दी गई है।
जांच को लेकर लिखा जिलाधिकारी को पत्र
अरैल घाट के निकट यमुना तट पर स्थित भोलेनाथ के भव्य मंदिर “श्री मनकामेश्वर” मंदिर के महंत श्री धरानन्द ब्रम्हचारी जी महराज के अनुसार मंदिर परिसर के बाहर मिलने वाले प्रसाद की जांच के लिए उन्होने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। मिष्ठान (प्रसाद) की शुद्धता स्पष्ट होने तक इन्हें मंदिरो में चढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होने प्रसाद के रूप में फलों को मिठाइयों से अधिक बेहतर बताया। वहीं दूसरी ओर संगम के ही तट पर स्थित बड़े हनुमान जी (जिन्हे लेटे हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है) मंदिर के संरक्षक एवम श्री मठ बाघंबरी के प्रमुख बलबीर गिरी मंदिर परिसर के अंदर मिष्ठान तैयार करने के लिए गलियारे का निर्माण करा रहे हैं।
उनकी देख रेख में इस गलियारे के निर्माण के पश्चात् बड़े हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाला भोग वहीं तैयार किया जाएगा।
प्रदेश के अन्य शहरों में भी मंदिर व्यवस्था में हुए बदलाव
प्रयागराज के बाद अशुद्ध प्रसाद के विवाद का असर अन्य शहरों के प्रमुख मंदिरो मे बदलाव देखने को मिल रहा है।प्रयागराज के तीन बड़े मंदिरो में हुए परिवर्तन के बाद मथुरा के मंदिरो मे भी प्रसाद में मिठाई चढ़ाए जाने पर रोक लगा दी गई है। मथुरा के मंदिरों मे भी मिष्ठान के स्थान पर फल, नारियल, सूखे मेवे आदि चढ़ाने के प्रवधान बनाए जा रहे हैं।
गौरतलब है की मंदिरो के प्रसाद में अचानक आए इस बदलाव की वजह तिरूपति बाला जी मंदिर में अशुद्ध प्रसाद को बताया जा रहा है। इस प्रकरण की जांच बहुत गंभीरता से हो रही है जिसकी सुनवाई 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी लेकिन इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से अभी तक कोई बयान जारी नही किया गया है।
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