आज मुम्बई में अंधेरी चार बंगला स्थित “लोटस स्टूडियो” की पहली वर्षगांठ के अवसर पर मधु मंजुल आटर्स और गीता तिवारी प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित फिल्म “रोटी” के फस्ट लुक लॉन्च के साथ साथ आगामी अन्य दो नई फिल्म “शिवाय” और “हिना” का मुहूर्त किया गया। इस मौके पर फ़िल्म की पूरी टीम के साथ साथ बॉलीवुड एवं भोजपुरी फ़िल्म जगत की कई मशहूर हस्तियां उपस्थित रहीं।
पोस्टर देख कर ही आप समझ जाएंगे कि भोजपुरी में इस तरह की फिल्में नहीं बनाई जाती। इस तरह का सिनेमा बनाना बड़े जिगर का काम है क्योंकि भोजपूरी में इस तरह की पारिवारिक, कलात्मक और प्रयोगात्मक फिल्में बनाना बड़ा जोख़िम भरा होता है पर दशकों बाद भोजपुरी सिनेमा को ऐसी फिल्में देकर अन्य निर्माता जो अच्छी फिल्में बनाने से डरते हैं और जिन्हें लगता है कि भोजपुरिया दशर्क अच्छी पारिवारिक साफ सुथरी फिल्में नही पसंद करते इसलिये कामर्शियल फिल्में और गाने बनाने के नाम पर भोजपुरी सिनेमा प्रेमियों को सिर्फ अश्लील गाने और फुहड़ संवाद ही परोसने के लिए मजबूर हैं, उन निर्माता – निर्देशकों को अच्छी फिल्में बनाने के लिए कुणाल तिवारी जी और श्री धीरेंद्र झा जी हिम्मत देने और नई राह दिखाने का काम कर रहें हैं, जिसके लिए ये बधाई के पात्र हैं और इनकी जितनी प्रशंसा की जाये वो कम है।
इस फिल्म के निर्माता श्री धीरेन्द्र कुमार झा हैं जो भोजपुरी फ़िल्म जगत में साफ सुथरी, पारिवारिक फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने अपने द्वारा बनाई गई भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता और भद्दे गानों को स्थान न देते हुए मधुर कर्ण प्रिय गीत संगीत और पारिवारिक कहानियों वाली फिल्में बना कर भोजपुरी सिनेमा को एक नई दिशा देने का काम किया है। निर्माता होने के साथ साथ धीरेन्द्ग जी फ़िल्म “रोटी” के निर्देशक भी हैं, बतौर निर्देशक कई फिल्में जल्द ही रिलीज़ भी होने वाली हैं।
इस फिल्म के नायक कुणाल तिवारी और नायिका काजल यादव हैं आप को बता दें कि ये युगल जोड़ी अब तक एक दर्जन से भी अधिक फिल्में एक साथ कर चुकी है और इस जोड़ी को दर्शक खासा पसंद कर रहे हैं। कुणाल तिवारी एक बेहतरीन एक्टर हैं जो अपनी हर फिल्म में अलग अलग तरह के प्रयोगात्मक किरदार निभाने के लिए मशहूर हैं और वे हमेशा अपने लिए ऐसी ही कहानीयों का चुनाव करते हैं जिसमें अभिनय बहोत चुनौती पूर्ण हो।
कुणाल तिवारी के अनुसार फ़िल्म “रोटी” 1970 के दशक की कहानी है और पहली बार भोजपुरी सिनेमा में कोई ऐसी सामयिक (पीरियोडिक) फ़िल्म आने वाली है जिसमें अशिक्षा, ऊँच – नीच और जात – पात से ग्रसित गरीब वर्ग के संघर्ष के साथ साथ मनुष्य के जीवन में शिक्षा के महत्व को दिखाया गया है। भोजपुरी फिल्में अक्सर भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री से ऊपर उठ कर राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म जगत में अपना स्थान नहीं बना पाती, जैसे ऐसा कभी नहीं हो पाता कि मराठी, गुजराती, बंगाली या अन्य प्रादेशिक भाषाओं की फिल्मों की तरह भोजपुरी फिल्में भी बड़े नेशनल या इंटरनॅशनल अवार्ड्स में अपनी जगह बना पाएं। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि हम भोजपुरी फ़िल्म जगत में ऐसी फिल्में बनाएं जो सिर्फ भोजपूरी दर्शकों तक सीमित न रहें बल्कि बड़े बड़े फ़िल्म विश्लेषकों के चर्चा का विषय हो और बड़े बड़े राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से भी नवाज़ी जाएं। मेरा मानना है कि भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में आज तक ऐसी फिल्म नहीं बनी होगी जो न केवल सामाजिक कुरीतिओं और जात पात के भेद भाव पर प्रश्न उठाये बल्कि जिसमें अच्छे संवाद – गीत संगीत के साथ भरपूर मनोरंजन का ऐसा संयोजन हो जो राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पसंद किया जाए। फ़िल्म “रोटी” इसी दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है।
फ़िल्म में दूसरी नायिका सोनालिका प्रसाद हैं जो भोजपुरी फ़िल्म जगत की बेहतरीन एक्ट्रेस हैं।
फिल्म के अन्य कलाकार अमित शुक्ला, देवेंद्र पाठक, प्रकाश जैस, सोनिया मिश्रा, सुजीत सार्थक, उमाकांत राय, मयंक कौशल, रंभा साहनी, कविता राज सिंह, मास्टर हर्षित मिश्रा, रवि, आस्था त्रिपाठी, साहिल शेख इत्यादि हैं।
फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर शिव मिश्रा ने बताया कि फ़िल्म “रोटी” की शूटिंग उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है। यह फ़िल्म गरीबी और भूख से जूझते एक दलित परिवार के संघर्ष की कहानी है और सम्माज में शिक्षा के महत्व को उजागर करती है। इस फ़िल्म के लेखक श्री ओमप्रकाश यादव हैं।
फ़िल्म के सहायक निर्देशक अजय सिवान, अनिल लकड़ा, अरविंद झा हैं, चित्रांकन नागेन्द्र कुमार जी और मुरली कृष्णा द्वारा किया गया है।
नृत्य निर्देशन सुदामा मिंज, कला निर्देशक रंजन यादव, प्रोडक्शन मैनेजर आशीष दुबे और विवेक जैसवाल हैं।
फ़िल्म के कार्यकारी निर्माता महेश उपाध्याय ने बताया कि वो अगले महीने फिर सोनभद्र – प्रयागराज और अयोध्या में अपनी आगामी दो फिल्मों की शूटिंग शुरू करने वाले हैं जिससे स्थानीय प्रतिभावान युवाओं को अभिनय और कला क्षेत्र में अच्छा मौका मिल सके।