भारत ने सोमवार को घोषणा की है कि ऑस्ट्रेलिया आगामी मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar exercise) में शामिल होगा। जिसका सीधा अर्थ ये है कि “Quad”‘ या चतुर्भुज गठबंधन के सभी चार सदस्य देश इस मेगा ड्रिल में भाग लेंगे।
अमेरिका और जापान वार्षिक युद्धाभ्यास में भाग लेने वाले अन्य देश हैं। मालाबार युद्धाभ्यास के अगले महीने नवम्बर में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में होने की संभावना है। मेगा नेवल ड्रिल का हिस्सा बनने के लिए ऑस्ट्रेलिया के अनुरोध पर भारत का ये निर्णय पूर्वी लद्दाख में सीमा रेखा पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच आया है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “जैसा कि भारत समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है। और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा सहयोग में वृद्धि के रूप में, मालाबार युद्धाभ्यास 2020 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की भागीदारी देखी जाएगी।” आगे कहा गया कि अभ्यास की योजना ‘non-contact– at sea’ के फॉर्मेट् पर बनाई गई है। मंत्रालय ने कहा, “इस अभ्यास से प्रतिभागी देशों की नौसेनाओं के बीच समन्वय मजबूत होगा।”
आपको बता दें कि मालाबार युद्धाभ्यास एक त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास है जिसमें स्थायी भागीदार के तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और भारत शामिल हैं।
मालाबार युद्धाभ्यास 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच एक द्विपक्षीय ड्रिल के रूप में शुरू हुआ था। जापान 2015 में मालाबार युद्धाभ्यास में एक स्थायी भागीदार बन गया।
चीन मालाबार युद्धाभ्यास के उद्देश्य के बारे में हमेशा से ही संदिग्ध रहा है। हालांकि चीन के कभी अधिकारिक रूप से इस अभ्यास पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन ऐसा माना जाता कि चीन मालाबार अभ्यास से कभी खुश नहीं रहा है। मालाबार युद्धाभ्यास के उद्देश्य के बारे में चीन को संदेह है क्योंकि उसे लगता है कि वार्षिक युद्ध खेल भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव रखने का प्रयास है।
भारत की हामी के बाद, एक स्वतंत्र, खुले और नियम पर आधारित इंडो पैसिफिक का समर्थन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी इस मालाबार नौसेना अभ्यास का एक हिस्सा होगा। गौरतलब हो कि पिछले कुछ वर्षों से, ऑस्ट्रेलिया अभ्यास में शामिल होने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है। ऑस्ट्रेलिया 2007 में अपनी भागीदारी के बाद इस साल संयुक्त युद्धाभ्यास में लौटेगा। चीन ने उस समय तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी जब ऑस्ट्रेलिया ने मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में भाग लिया था और इसलिए, भारत ने कैनबरा की इच्छा के बावजूद इस निमंत्रण को दोहराया नहीं था। 2007 में सिंगापुर ने भी भाग लिया था।
आपको बता दें कि चीन का प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए 2017 में गठित क्वाड (Quad) ने इस महीने की शुरुआत में मुलाकात की थी और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी Indo-Pacific को बनाए रखने के महत्व की पुष्टि की थी। टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में चर्चा की गई थी कि क्या ऑस्ट्रेलिया को वार्षिक ड्रिल में शामिल किया जाना चाहिए। बीजिंग के विचारों की वजह से कई सालों तक भारत ऑस्ट्रलिया को शामिल करने के पक्ष में नहीं रहा। लेकिन भारत ने पिछले कुछ महीनों में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ अपनी सीमा पर टकराव को देखते हुए कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया को इस युद्धाभ्यास में शामिल किए जाने के लिए तैयार है।
कोविड-19 महामारी की वजह से विलंबित हुए मालाबार युद्धाभ्यास का 24वां एडिशन नवंबर के मध्य में आयोजित होने की उम्मीद है