रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA- National Investigation Agency) ने स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया है।
83 वर्षीय स्वामी ने पहले मामले में शामिल होने से इनकार किया है। स्वामी को एजेंसी ने गुरुवार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर गुरुवार को कहा, “हां, हमने स्टेन स्वामी को आज पूछताछ के लिए बुलाया था और वह रांची के एनआईए कार्यालय में हैं। फिलहाल उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जा रही है।” अधिकारी ने पहले ही आशंका जाहिर की थी उच्च संभावना है कि शुक्रवार की सुबह स्वामी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि “स्वामी सीपीआई (माओवादी) के सदस्य हैं और अपनी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए एक सहयोगी के माध्यम से रुपए लिए। स्वामी PPSC के संयोजक, CPI (माओवादी) के फ्रंटल संगठन हैं। सीपीआई (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए संचार से संबंधित दस्तावेज और साहित्य को स्वामी के कब्जे से जब्त कर लिया गया है।“
अधिकारी ने बताया कि इसके आलवा स्वामी, तेलतुम्बडे सहित सुधीर धवले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्विस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवारा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद साजिशकर्ताओं के संपर्क में पाए गए हैं।
स्वामी से रांची में 7 अगस्त को दो घंटे पूछताछ की गई थी और बाद में इस मामले में आगे की पूछताछ के लिए मुंबई के एनआईए कार्यालय में बुलाया गया था, जो 31 दिसंबर, 2017 के एल्गर परिषद की घटना से संबंधित है।