उत्तर प्रदेश के हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में 14 सितंबर को एक दलित लड़की के साथ खेत में घास काटने के लिए जाते समय ‘गैंगरेप’ हुआ जिसके बाद मंगलवार को लड़की की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद से ही पूरे देश में इस घटना को लेकर गुस्सा है और जगह जगह घटना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
यह पूरी घटना 14 सितम्बर की है . आरोप है कि पीड़िता अपने खेत में जानवरों के लिए घास काटने जा रही थी जहां 4 युवकों ने जबरन उसे पकड़कर गैंगरेप किया और उसके बाद हैवानियत की सारी हदें पार करके पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ी और जीभ तक काटने का प्रयास किया.
इसके बाद पीड़िता के भाई की शिकायत के आधार केस दर्ज कर संदीप नाम के युवक को एससी एसटी एक्ट के तहत गिरफ़्तार किया गया..
गौरतलब है कि घटना के बाद पीड़िता की हालत बहुत खराब थी जिस कारण उसके बयान दर्ज नहीं हो पाए थे. 22 सितंबर को पुलिस ने पीड़िता से बात की तो उसने बताया कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है और उसे जान से मारने की कोशिश भी हुई है ,उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ी गई और उसकी जीभ काटने की कोशिश की गई .. जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376-D बढ़ाई व तीन अन्य अभियुक्तों के नाम शामिल किए जिसमें 23 सितंबर को दूसरे आरोपी लवकुश , 25 सितंबर को तीसरे आरोपी रवि और 26 सितंबर को चौथे आरोपी रामू को पुलिस ने गिरफ़्तार किया.
पुलिस ने जबरन किया पीड़िता का अंतिम संस्कार
सफदरगंज अस्पताल में मौत के बाद हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव भारी सुरक्षा के बीच रात करीब 12:45 पर गांव लाया गया ..एम्बुलेंस जैसे ही गांव पहुंची पीड़िता के परिजनों में कोहराम मच गया, परिवार वाले उसे घर के अंदर ले जाने की मांग करने लगे लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने की बात कही, इस पर गांव वालों का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया .. प्रशासनिक अधिकारियों की मंशा थी कि सुबह होने से पहले शव का अंतिम संस्कार करा दिया जाए, जबकि परिवार वालों का कहना था कि वह उजाला होने के बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे.जिसके बाद आरोप है कि पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए जबरन आधी रात में ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया . इसके बाद से लोगो में और ज्यादा रोष देखने को मिल रहा है..
मामले पर चारो तरफ से घिर रही है योगी सरकार
इस पूरे मामले पर जनता के बीच लखनऊ से लेकर दिल्ली तक आक्रोश देखने को मिल रहा है. हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव को आधी रात जलाए जाने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि “हाथरस की निर्भया की मृत्यु नहीं हुई है, उसे मारा गया है.”उन्होंने सरकार से सवाल किया है “मरने के बाद भी इंसान की एक गरिमा होती है. हमारा हिन्दू धर्म उसके बारे में भी कहता है. मगर उस बच्ची को अनाथों की तरह पुलिस की ताक़त के ज़ोर से जला दिया गया.”
वही बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस गैंगरेप केस पर सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है ,मायावती ने कहा कि इस मामले में यूपी सरकार और पुलिस का रवैया देखकर साफ लग रहा है कि पीडि़ता को न्याय नहीं मिलेगा, न ही दोषियों को सजा मिल सकेगी..
जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश पुलिस को हाथरस गैंग रेप मामले और आधी रात में अंतिम संस्कार कराए जाने को लेकर नोटिस भेजा है. मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस से चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है.
बढ़ते विरोध और हंगामे को देखकर पीएमओ ने लिया मामले का संज्ञान
मामला इतना गंभीर और संवेदनशील है कि इसमें खुद पीएमओ ने संज्ञान लिया . खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर इस मामले में बातचीत की और सीएम योगी को हाथरस सामुहिक दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए .योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद ट्वीट करते हुए लिखा है “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से हाथरस दुष्कर्म मामले में बातचीत हुई। आरोपियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी .” इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुकदमे को Fast_Track_Court में चलाने का आदेश देते हुए अपराध की जांच के लिए SIT की 03 सदस्यीय पैनल का गठन किया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि पैनल सात दिनों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, इस SIT का नेतृत्व गृह सचिव भगवान स्वरूप और पुलिस उप-महानिरीक्षक चंद्रप्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम करेंगे..