हिन्दू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के क्रम में आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय कर दिया गया है। यह निर्णय सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान लिया।
एक समाचार एजेंसी ने बताया कि सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान यूपी के सीएम ने अधिकारियों से पूछा, “मुगल हमारे नायक कैसे हो सकते हैं?”
ताजमहल के पास इस संग्रहालय का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था और 2017 तक पूरा होना चाहिए था। हालांकि, अभी भी निर्माण चल रहा है। रिपोर्टों से पता चलता है कि धन की अनुपलब्धता ने संग्रहालय के लिए आवंटित 5.9 एकड़ भूमि के हिस्से में राज्य बिजली विभाग के स्टोररूम की आस्थगित स्थापना के अलावा निर्माण में देरी का कारण बना है।
नोएडा स्थित स्टूडियो आर्कहोम के साथ जाने-माने फर्म डेविड चिपरफील्ड आर्किटेक्ट ताजमहल के पूर्वी द्वार से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस संग्रहालय पर काम कर रहे हैं। 17वीं शताब्दी में मुगल शासक शाहजहाँ द्वारा निर्मित इस स्मारक को यूनेस्को की विश्व धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त है।
कुछ अनुमानों के अनुसार, इस परियोजना को शुरू में राज्य सरकार द्वारा 20 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया था। इस आंकड़े को उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 में अपने पहले अनुपूरक बजट में पेश किया था।
यह संग्रहालय यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार द्वारा प्रस्तावित एक बड़ी परियोजना का हिस्सा था। 2016 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ताज ओरिएंटेशन सेंटर, आगरा हेरिटेज सेंटर आगरा स्ट्रीट कैफे और मुगल संग्रहालय खोलने की घोषणा की थी।
डेविड चेपरफील्ड आर्किटेक्ट्स की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध प्रस्तावित संग्रहालय के उदाहरणों में ताजमहल के खुले मंडप के साथ एक सार्वजनिक छत दिखाई देती है। इसने एक सभागार और गिफ्ट की दुकान के साथ भूतल पर अस्थायी प्रदर्शनियों का भी प्रस्ताव रखा है।
गौरतलब हो कि इससे पहले भी योगी सरकार कई शहरों और स्थानों का नाम बदल चुकी है। उत्तर प्रदेश के मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय नगर कर दिया गया था। इसके अलावा योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था।
इतना ही नहीं दिवाली के एक दिन पहले अयोध्या में हुए दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि फ़ैज़ाबाद ज़िले को भी अब अयोध्या के नाम से जाना जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों के नाम बदले जाने के क्रम में कई अन्य शहरों के नाम बदले जाने की मांग उठने लगी है। जैसे आगरा का नाम बदलकर अग्रवाल या अगरावण और मुज़फ़्फ़रनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करने की बात की जा रही है।