सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद बाॅलीवुड मे नेपोटीजम, स्टार किड्स, गुटबाजी, बाॅलीवुड माफिया और ड्रग्स माफिया से जुड़े बाॅलीवुड के काले चेहरे को कंगना रनौत ने देश के सामने उजागर कर दिया है।
खबरों की माने तो कंगना रनौत ने ही PMO से गुहार लगाई थी कि “यदि मुझे केंद्र सरकार से सुरक्षा मिले तो मैं बॉलीवुड का काला चेहरा दुनिया के सामने लाने में सरकार की सहायता करूंगी।”
सूत्रों के अनुसार , ऐसा नहीं हैं की मुंबई और बॉलीवुड के खिलाफ बयान देने के बाद शिवसेना की धमकी के चलते अभिनेत्री कंगना रनौत को केंद्र सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है बल्कि कंगना को सुरक्षा देने का कारण कुछ और है।
कंगना रनौत पिछले कुछ दिनों से बॉलीवुड के इस्लामीकरण, खान गैंग, बॉलीवुड माफिया के विरुद्ध लगातार खुलकर बोल रही हैं। इस कारण बॉलीवुड के बड़े-बड़े लोगों की नींदें हराम हो गयी हैं, यही कारण हैं कि बाॅलीवुड से स्वघोषित नायक, महानायक और कोई भी स्टार्स, कंगना की बातों पर पॉजिटिव या नेगेटिव किसी भी तरह का रिस्पांस नहीं दे रहे हैं क्योंकि पॉजिटिव रिस्पांस का मतलब है कंगना का समर्थन करना और कंगना का समर्थन करने से बाॅलीवुड इंडस्ट्री में उन्हें काम मिलने बंद हो जाएंगे और वहीं यदि कंगना का विरोध करते हैं तो खुद ही अपनी पोल-पट्टी खुलवा बैठेंगे।
सूत्रों की माने तो बाॅलीवुड माफियायों ने इन बॉलीवुड वालों की सहायता के लिए संजय राउत को रखा है जिन्हें सिर्फ बॉलीवुड वालों के डिफेंस में बोलना है। पर बॉलीवुड वालों के डिफेंस मे लोगों को ज्ञान देते हुए संजय राउत खुद की भाषा पर संतुलन नहीं रख पाये और यहीं बाजी पलट गई। कंगना रनौत को सुरक्षा देने का मुख्य कारण ही यही है, कंगना की जान को भी खतरा है, पर शिवसैनिकों से नहीं, बल्कि बॉलीवुड माफ़ियायों से।
क्या महाराष्ट्र की अगाड़ी सरकार इस समय केवल बॉलीवुड के लोगों को बचाने में लगी है ?
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