दिनांक (01/09/2020), कुंडली के आधार पर जानें आज का दिन कैसा रहेगा?
ज्योतिष शास्त्र की 12 राशियाँ: (मेष (मेष), वृषभ (वृषभ), मिथुन (मिथुन), कर्क (कर्क), सिंह (सिंह), कन्या (कन्या), तुला (तुला), वृश्चिक (वृश्चिक), धनु (धनु) ), मकर (मकर), कुंभ (कुंभ) और मीन (मीन))।
आज का पंचांग और राशिफल
आज का पञ्चाङ्ग
कलियुगाब्द……………………5122
विक्रम संवत्…………………..2077
शक संवत्……………………..1942
रवि……………………….दक्षिणायन
मास…………………………..भाद्रपद
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………..चतुर्दशी
प्रातः 09.40 पर्यंत पश्चात पुर्णिमा
सूर्योदय………प्रातः 06.09.59 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.44.26 पर
सूर्य राशि………………………..सिंह
चन्द्र राशि………………………कुम्भ
गुरु राशि…………………………धनु
नक्षत्र…………………………धनिष्ठा
दोप 04.31 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग…………………………अतिगंड
दोप 01.03 पर्यंत पश्चात सुकर्मा
करण………………………….वणिज
प्रातः 09.40 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु……………………………..वर्षा
दिन………………………..मंगलवार
🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-
01 सितम्बर सन 2020 ईस्वी |
⚜ अनंत चतुर्दशी –
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। जिसका मतलब होता है कि जिसका कोई अंत न हो। इस दिन अनंत के रूप में हरि की पूजा होती है। पुरुष दाएं तथा स्त्रियां बाएं हाथ में अनंत धारण करती हैं। विष्णुजी के साथ गणपति का पूजन विशेष शुभ फल देता है। मान्यता है कि जब पांडव जुए में अपना सर्वस्व हार गए और वे वनवास के दौरान जंगलों में भटक रहे थे तो श्रीकृष्ण ने उन्हें सलाह दी कि अनंत चतुर्दशी का व्रत करें।
इसके शुभ प्रभाव से पांडव पुनः शक्तिशाली हुए, युद्ध में उनकी विजय हुई और उनके सभी कष्टों का निवारण हो गया। आज ही 10 दिवसीय गणेश उत्सव का समापन एवं गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है |
⚜ पितृ पक्ष प्रारंभ (पूर्णिमा श्राद्ध) :-
पितृपक्ष भी आज ही से प्रारंभ हो रहा है, श्राद्ध कर्म करने का समय कुतप वेला (11.36 से 12.24) रहता है, आज पूर्णिमा तिथि प्रातः 09.40 पर्यंत रहेगी पश्चात पूर्णिमा तिथि व्याप्त होगी, कुतप वेला पूर्णिमा व्यापिनी होने के कारण पूर्णिमा का श्राद्ध आज ही किया जाएगा | पंचांग भेद एवं लोकरीति अनुसार यदि आप अनंत व्रत और उद्यापन करना चाहते है तथा उदयव्यापिनी तिथि विचार करते है तो आप कल 2 सितम्बर को पूर्णिमा श्राद्ध कर सकते है |
☸ शुभ अंक…………………..1
🔯 शुभ रंग……………….सफ़ेद
⚜ अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 12.01 से 12.51 तक ।
👁🗨 राहुकाल :-
दोप 03.33 से 05.06 तक ।
🌞 उदय लग्न मुहूर्त :-
सिंह
05:05:55 07:17:44
कन्या
07:17:44 09:28:24
तुला
09:28:24 11:43:01
वृश्चिक
11:43:01 13:59:12
धनु
13:59:12 16:04:50
मकर
16:04:50 17:51:58
कुम्भ
17:51:58 19:25:32
मीन
19:25:32 20:56:44
मेष
20:56:44 22:37:27
वृषभ
22:37:27 24:36:04
मिथुन
24:36:04 26:49:45
कर्क
26:49:45 29:05:55
🚦 दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ चौघडिया :-
प्रात: 09.18 से 10.52 तक चंचल
प्रात: 10.52 से 12.25 तक लाभ
दोप. 12.25 से 01.59 तक अमृत
दोप. 03.32 से 05.05 तक शुभ
रात्रि 08.05 से 09.32 तक लाभ ।
📿 आज का मंत्र :-
।। ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः ।।
📯 संस्कृत सुभाषितानि :-
निर्धनं पुरुषं वेश्या प्रजा भग्नं नृपं त्यजेत् ।
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्ता अभ्यागता गृहम् ॥
अर्थात :
वेश्या निर्धन पुरुष का, प्रजा पदभ्रष्ट राजा का, पंछी फलरहित वृक्ष का, और खाने के पश्चात् महेमान घर का त्याग करते हैं (अर्थात् स्वार्थसिद्धि के बाद सब चले जाते हैं) ।
🍃 आरोग्यं :-
गले की खराश एवं दर्द से निजात पाने के घरेलू उपाय:
1. गरम पानी और नमक के गरारे :-
जब गले में खराश होती है तो सांस झिल्ली की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।
2. लहसुन :-
लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा।
3. भाप लेना :-
कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।
⚜ आज का राशिफल :-
🐏 राशि फलादेश मेष :-
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेंगे। आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है। आत्मविश्वास बनाए रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। धार्मिक कृत्यों पर व्यय होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। विवेक से कार्य करें, लाभ होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
🐂 राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
शारीरिक हानि हो सकती है। किसी अपने से बेबात विवाद हो सकता है। मान कम होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।निवेश में जल्दबाजी न करें। सुख के साधनों पर व्यय होगा।
👫🏻 राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
लापरवाही न करें। शत्रुभय बना रहेगा। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कामों में सहूलियत रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कोई पुराना रोग दु:ख का कारण बन सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे।
🦀 राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त लाभकारी रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से बचें। अज्ञात भय सताएगा। नए बड़े काम मिल सकते हैं। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🦁 राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
विद्यार्थी वर्ग का अध्ययन में मन लगेगा। शोध इत्यादि कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का लाभ प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में नया कार्य कर पाएंगे।
🙎🏻♀️ राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पुराना रोग उभर सकता है। मन खिन्न रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। कुसंगति से हानि संभव है। व्यापार ठीक चलेगा। अकारण विवाद हो सकता है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। दूर से शोक समाचार मिल सकता है। नौकरी में कार्यभार बढ़ सकता है।
⚖ राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। थोड़ प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर सम्मान मिलेगा। संतान पक्ष से स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। व्यापार अच्छा चलेगा।
🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बड़ा काम करने का मन बनेगा। शत्रु नतमस्तक होंगे। बुरे लोगों से दूर रहें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। थकान रह सकती है। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🏹 राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। बेचैनी रहेगी। थकान रह सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🐊 राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। बेवजह विवाद हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य पर बड़ा खर्च हो सकता है। यात्रा लाभदायक रहेगी। जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। जोखिम न लें।
🏺 राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। पुरानी वसूली जो नहीं हो पा रही थी, अब वसूली जा सकती है, प्रयास करें। भाग्य का साथ मिलेगा। नेत्र पीड़ा हो सकती है।
🐋 राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
शारीरिक कष्ट संभव है। कानूनी अड़चन आ सकती है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। नए काम मिलेंगे। भाग्य की अनुकूलता का लाभ लें। हल्के हंसी-मजाक से बचें। जल्दबाजी से हानि हो सकती है। आलस्य से बचें।
☯ आज मंगलवार है परन्तु कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आपसे मंदिर स्थान पर ज्यादा संख्या एकत्रित होना उपयुक्त नहीं है अतः आपसे आग्रह है अपने घर के मंदिर में संध्या 7 बजे सपरिवार हनुमान चालीसा पाठ अवश्य करे और यदि संभव होवे तो उसे फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव के माध्यम से सम्पूर्ण जगत के साथ साझा करे (यदि आप लाइव करते है तो #हनुमतशक्तिजागरण इस हैशटैग का उपयोग आपकी पोस्ट में अवश्य करें) |
।। 🐚 शुभम भवतु 🐚 ।।