भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारतीय राजनीति के दिग्गज प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को अंतिम सांस ली। मुखर्जी 84 वर्ष के थे। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने ट्वीट करके सूचना दी कि मेरे पिता प्रणव मुखर्जी आर.आर अस्पताल के डॉक्टरों बेहतरीन प्रयासों और लोगों की प्रार्थनाओं के बावजूद बच नहीं सके।
With a Heavy Heart , this is to inform you that my father Shri #PranabMukherjee has just passed away inspite of the best efforts of Doctors of RR Hospital & prayers ,duas & prarthanas from people throughout India !
I thank all of You 🙏— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) August 31, 2020
गौरतलब हो कि प्रणब मुखर्जी कोरोनोवायरस पॉजिटिव पाया गया था और उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में प्रणब मुखर्जी की मस्तिष्क में रक्त के थक्के के लिए सर्जरी की गई। पिछले कई दिनों से प्रणब मुखर्जी की तबीयत लगातार खराब थी और आर.आर अस्पताल में भर्ती थे। वे कई दिनों तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहे। प्रणब दा के राजनीतिक करियर में पाँच दशक का समय रहा, जिसका उच्चतम बिंदु तब आया जब वे भारत के राष्ट्रपति बने। वह 2012 से 2017 तक राष्ट्रपति कार्यालय में थे। वह 2009 से 2012 के बीच वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री (2004-2006), विदेश मंत्री (2006-2009) रहे।Bप्रणब मुखर्जी एक कट्टर कांग्रेसी थे। लेकिन इसने उन्हें एनडीए शासन के वर्षों के दौरान अपने कर्तव्यों से नहीं रोका।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपने पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले मार्गदर्शन हेतु बार-बार आभार व्यक्त किया है।प्रणब मुखर्जी को 2008 में पद्म विभूषण और 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रणब मुखर्जी के निधन से राजनीति गरियारो में शोक की लहर है। भारत के राषट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई दिग्गजों ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताया है।