फरवरी में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने 1600 कश्मीरी स्टूडेंट्स के लिए स्कॉलरशिप की घोषणा की। भारत ने साफ कर दिया है कि “पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मेडिकल कॉलेजों की डिग्री को भारत में मान्यता नहीं है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने एक पब्लिक नोटिस में यह जानकारी दी है। यह कदम पाकिस्तान की उस खुराफात को नाकाम करने के लिए उठाया गया है जिसके तहत उसने 1600 कश्मीरी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया था।
MCI की यह घोषणा जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के निर्देश के कई महीनों बाद आई है जिसमें MCI और विदेश मंत्रालय से इस बात पर विचार करने को कहा गया था कि “क्या इन क्षेत्रों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस की अनुमति दी जा सकती है”।
कोर्ट ने दिसंबर 2019 में एक युवा कश्मीरी महिला की याचिका पर यह आदेश दिया था, जिसने पीओके में मेडिसिन की पढ़ाई की थी लेकिन उसे विदेश से डिग्री हासिल करने वालों के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था।
खबरों की माने तो सिक्यॉरिटी एजेंसियों ने इमरान खान सरकार की कश्मीरियों तक पहुंच बनाने की इस कोशिश को लाल झंडी दिखाई है। पाकिस्तान सालों से कश्मीरी स्टूडेंट्स को कम कीमत में शिक्षा का लालच देता रहा है। अधिकतर कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सिफारिश पर ऐसे कई मामले आ चुके हैं जब कश्मीरी पढ़ाई के लिए लीगल चैनल से पाकिस्तान या पीओके गए लेकिन आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल से लौटे।
आतंकरोधी अभियानों के एक अधिकारी ने बताया कि “जो पढ़ाई के लिए वहां रुके वे वहां से कट्टर होकर लौटे। सोमवार को आया MCI का यह आदेश उसके एक हिस्से से निपटा है, जिसे सुरक्षा एजेंसियां चुनौती बताती रही हैं “।
MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) ने कहा था कि ” सभी को सूचित किया जाता है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का संपूर्ण क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है। इस क्षेत्र के एक हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध और जबरन कब्जा है। इसलिए पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर और लद्दाख (POJKL) के किसी भी मेडिकल इंस्टीट्यूट के लिए इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 से अनुमति/मान्यता लेने की आवश्यकता है। POJKL के किसी मेडिकल कॉलेज को यह मान्यता नहीं है। इसलिए इन मेडिकल कॉलेजों से ली डिग्री लेने वाले को इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 के तहत प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जा सकती है”। पीओके स्थित कॉलेज से डिग्री लेने वालों को विदेशियों के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि वह भारत का अभिन्न हिस्सा है।
एक सुरक्षा अधिकारी ने एक इंटरव्यू में बताया कि “MCI का ऑर्डर चुनौती के एक हिस्से से ही डील करता है। यह उन स्टूडेंट्स को नहीं रोकता जो पाकिस्तान की यूनिवर्सिटीज से डिग्री लेते हैं। जब तक यह नहीं रुकता है यह चिंता का एक अहम कारण बना रहेगा। इमरान खान के स्कॉलरशिप ऑफर पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई है”।
अधिकारी ने आगे बताया कि “इसको लेकर प्लान पर काम चल रहा है। सिक्यॉरिटी एजेंसियां एक प्लान पर काम कर रही हैं जो लीकल स्क्रूटनी पर फिट हो”।