कही लिपटी हुई गठरी सी..
मेरी जिंदगी मिल जाए..
कही से….
तुझे अहसासो की नमी मिल जाए ..
मेरी बातो की तहजीब मिल जाए ..
मैं रुठु तो दुआ मिल जाए ..
मैं जागु की तुझे सदा मिल जाए ..
तु समझे मुझे… तु बस …
समझे मुझे…
ऐसी कोई वफा मिल जाए …
कसमे ली थी वो यादो मे…
मिल जाए….
या फिर जीने की कोई ख्वाहिश हि….
मिल जाए … तुझे…
मेरे अहसासो की …..फिर से …नमी मिल जाए…..
A poem by
– जिगना दोषी
” जिग्यासा “
Very nice and adorable ➕➕🅰🅰🅰➕➕
🍀🍀😊😊😊🍀🍀
📖📖🙏🙏🙏📖📖
Heart touching poem…. Thank you so much Jigna…. Keep it up,,,,, I hope we can see another ones as earlier …
Oye hoye kya bat…dil ko chu jane wala ahehas laga jaise aur alfazo me kya zazbat he
Nice poem by jigna Doshi
Nice
good poem