खेत में जीवांश कार्बन और सूक्ष्म जीवो की उपलब्धता से होगी अच्छी पैदावार
कृषि विज्ञान केन्द्र कौशांबी के मृदा वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार सिंह ने कृषकों को जीवांश कार्बन और सूक्ष्म जीवो की उपलब्धता हेतु खेती की पाठशाला का आयोजन किया। डाक्टर मनोज ने माटी की उर्वरा शक्ति के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि अच्छी पैदावार लेने के लिए ही हम खेतों में मुख्यत: डी. ए. पी., यूरिया व पोटाश उर्वरक देते हैं। जिसे पौधों की जड़े नमी की अवस्था में घोल के रूप में अपनी खुराक भूमि से लेती है। पौधों को खुराक उपलब्ध कराने में भूमि में मौजूद जीवांश कार्बन व सूक्ष्म जीव सहायक होते है। यदि भूमि में जीवांश कार्बन व सूक्ष्म जीव पर्याप्त मात्रा में है, तो पौधों को खुराक आसानी से मिलती रहती है और पैदावार अच्छी होती है। ध्यान रहे सूक्ष्म जीव भूमि में जीवांश कार्बन और नमी की उपलब्धता में ही सक्रिय रहते हैं।
मृदा विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार ने बताया कि कृषकों ने भूमि शोधन करने में, व कीट/ रोग नियंत्रण करने के लिए इतना रसायन भूमि में डाला है, कि भूमि में रहने वाले सूक्ष्म जीव मर चुके हैं। भूमि में ऐसे बहुत से पोषक तत्व (खुराक) पहले से मौजूद हैं , जो सूक्ष्म जीवों द्वारा पौधों को प्राप्त होते हैं। परंतु सूक्ष्म जीव मर जाने के कारण भूमि में उपलब्ध खुराक पौधों को नहीं मिल पाती, जिस कारण पैदावार अच्छी न होने के कारण उत्पादन कम हो जाता है।
पैदावार बढ़ाने के लिए हम यूरिया, डी. ए. पी. व पोटाश उर्वरकों की मात्रा बढ़ाते चले जाते हैं ,परन्तु भूमि में जीवांश कार्बन और सूक्ष्म जीवों की संख्या बढाने व उन्हें जीवित रखने की तरफ हमारा कोई ध्यान नहीं जाता है। ध्यान रहे , यदि हम उर्वरकों कि मात्रा बढ़ाते रहेंगे, तो एक स्तर पर आकर पैदावार रुक जाएगी फिर चाहे हम कितना ही उर्वरक क्यों न डालें, पैदावार नहीं बढ़ेगी। पैदावार नहीं बढ़ने का कारण भूमि में जीवांश कार्बन/ ह्यूमस और सूक्ष्म जीवों का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होना ही है। पैदावार बढ़ाने के लिए हमें रसायनिक उर्वरकों की मात्रा बढ़ाने के बजाए भूमि में जीवांश कार्बन और सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता बढ़ाने की तरफ ध्यान देना चाहिए।
मृदा का हीमोग्लोबिन है जीवांश कार्बन
जिस तरह हमारे शरीर के खून में हीमोग्लोबिन होता है, ठीक उसी तरह से भूमि का हीमोग्लोबिन जीवांश कार्बन/ ह्यूमस है। यदि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाए ,तो हम कमजोर हो जाते हैं और कोई काम नहीं कर पाते, ठीक इसी तरह यदि भूमि में जीवांश कार्बन/ ह्यूमस कम हो जाए , तो भूमि भी कमजोर हो जाती है। और अच्छी पैदावार नहीं दे पाती। फिर चाहे हम कितना भी उर्वरक क्यों ना डालें , तब भी अच्छी पैदावार नहीं होगी।
उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए करें किसान भाई जैविक खादों का अधिक से अधिक प्रयोग
मृदा वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अन्नदाताओं को चाहिए कि वह अपने खेतों में जीवांश कार्बन/ ह्यूमस की मात्रा को बढ़ाएं और सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता को भी बढ़ाएं। इसके लिए हमें अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद, गोबर की खाद, जैविक खाद के प्रयोग के साथ- साथ खेत में फसल अवशेषों को भी छोड़ना होगा, तभी फसल की पैदावार बढ़ेगी।