मरुभूमि के सियासी अखाड़े में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पहली पटखनी देने के बाद गहलोत थोडी राहत महसूस कर रहे। लेकिन अशोक गहलोत की मंशा सिर्फ यहीं तक रुकने की नही है। पायलट को सूबे से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब गहलोत की नज़र दिल्ली के दरवाज़े पर भी है। सम्भावित विकल्पों के बीच गहलोत, कांग्रेस दरबार के सभी दरवाज़े पायलट के लिये स्थाई रूप से बन्द करवाने की चाहत पाल रहे हैं। ऐसे में गहलोत के सियासी मंसूबों पर सवाल भी खड़े होने लगे हैं।
दरअसल अशोक गहलोत ने अब सचिन पायलट पर एक नया आरोप लगाया है। गहलोत के मुताबिक पायलट मुबंई के कॉरपोरेट हाउसेज़ के जरिये कांग्रेस चीफ की कुर्सी पाने का सपना देख रहे। सचिन पायलट पर गहलोत की तरफ से लगातार लगाए जा रहे एक के बाद एक आरोपों से पार्टी के ही कई नेता हैरत में हैं।
गहलोत ने मीडिया के सामने मिनटों में पायलट पर गम्भीर आरोप मढ़ दिये। इस हडबडाहट को देख सवालों की झाडियां लगने लगी हैं। ज़ाहिर तौर पर पायलट की बगावत के बावजूद कांग्रेस सार्वजनिक मंच पर अभी भी उन्के लिये दरवाज़े खुले होने की बात कही है। नाराज़गी होने के बावजूद पायलट ने कांग्रेस आलाक़मान के खिलाफ एक अल्फाज़ तक नही कहे। उनकी इस बगावत में ये साफ ज़ाहिर हो रहा कि उनके मतभेद गहलोत से हैं, कांग्रेस से नहीं।
यूं तो गहलोत की छवि गंभीर नेता के तौर पर रही है। उन्हे इस तरह सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करते नही देखा गया है। लेकिन पायलट के खिलाफ दिख रही उनकी जल्दबाजी ये साफ दर्शाती है कि वे अब पायलट को पार्टी में जगह देने के पक्ष में नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोतआ ने सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ पार्टी नेतृत्व को कई सबूत दिये हैं। इन सब आरोपों के बाद भी पार्टी के तेवर पायलट को लेकर नर्म बने हुए हैं। इन सब चीजों से सकपकाए गहलोत पार्टी नेतृत्व के सामने ये जबरन साबित करने में जुटे हैं कि सचिन पायलट अपने फायदे के लिए पार्टी नेतृत्व के भी खिलाफ क़दम उठा सकते हैं।