सौरमडंल का छठवां ग्रह शनि, पृथ्वी की सीध में आ रहा है। 20-21 जुलाई की मध्यरात्रि 3 बजकर 44 मिनट पर शनि और पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आ जायेगी। एक सप्ताह में ग्रहों के पृथ्वी की सीध में आने की दुर्लभ तीसरी घटना है। पृथ्वी का शनि और सूर्य के बीच में रहते हुये एक सीध में आने की यह घटना सेटर्न एट अपोजीशन कहलाती है।
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि अमावस्या होने से पृथ्वी का चंद्रमा सूर्य की तरफ होने से सारी रात नहीं दिखाई देगा। वहीं सामना कर रहा 82 चंद्रमा वाला शनि आज पृथ्वी की सीध में होगा। शनि के 53 चंद्रमाओं की पुष्टि हो चुकी है इसके साथ ही 29 अन्य की पुष्टि की जा रही है।
अपोजीशन की स्थिति में इस साल के लिये शनि की पृथ्वी से दूरी सबसे कम होगी। कोरी आंख से तो ये तारे के रूप में दिखेगा लेकिन टेलिस्कोप या अच्छे बाइनाकुलर से इसके रिंग बहुत अच्छे से देखे जा सकेंगे।
149 करोड़ 76 लाख किमी की दूरी पर परिक्रमा करता यह सूर्य से इतना दूर है कि सूर्य के प्रकाश को शनि तक पहुचने में 83 मिनिट का समय लगता है।शनि इतना विषाल है कि इसके व्यास पर रखने के लिये 9 पृथ्वी की जरूरत होंगी। शनि का एक दिन लगभग 11 घंटे के बराबर है तो इसका एक साल पृथ्वी के 29 सालों से कुछ अधिक है। हाईडोजन एवं हीलियम से बने इस गैसीय पिंड में ठोस धरातल नहीं है।
रिंगों के कारण मनमोहक दिखने वाला शनि की जानकारी लेने नासा के स्पेसक्राट पायोनियर 11 तथा वायजर 1 एवं 2 इसके पास से निकल चुके हैं। 2004 से 2017 तक इसकी 294 परिक्रमा कर डाटा एकत्र करने के बाद दो टन का केसिनी इसमें समा गया। शनि से अब अगला सामना 2 अगस्त 2021 को होगा।