राजस्थान में चल रही सियासी लड़ाई के बीच अब ऐसी भी खबरें आने लगी हैं जो सचिन पायलट के लिये ‘शुभ’ संकेत नही हैं। इस पूरे विवाद के दौरान अब बताया जा रहा है कि प्रदेश के सीएम गहलोत शक्ति प्रदर्शन के लिए जल्द ही विधानसभा सत्र बुला सकते हैं। दरअसल गहलोत की ये योजना, खेमे के बहुमत में होने का विश्वास दर्शाता है। सूत्रों के मुताबिक सीएम गहलोत, विधानसभा सत्र बुलाने पर विचार तो कर रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि गहलोत सरकार, बहुमत साबित करने की चुनौती की स्थिति में बैकप की तैयारी कर रही है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो ये सचिन पायलट के लिये बड़ा झटका साबित होगा।
सूबे के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी पर कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलकर सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाया है। वहीं गहलोत खेमे की तरफ से 109 विधायकों का समर्थन होने का दावा लगातार किया जा रहा है। हालांकि हक़ीक़त, फ्लोर टेस्ट के बाद ही पता चल पाएगी।आपको बता दें कि भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों ने भी अपने रूख से पलटी मार ली है। पहले किये जा रहे विरोध के बाद अब अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया है।
वहीं, सचिन पायलट खेमे ने सूबे की सरकार को गिराने के लिये खुद की नम्बर शक्ति को काफ़ी बताया है। दावा है कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है। लेकिन अब लोगो की निगाहें राजस्थान हाईकोर्ट पर टिकी हैं। जहां मंगलवार को बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई की जाएगी। ज़ाहिर है कि हाईकोर्ट के रुख के बाद इस पूरे विवाद की पिक्चर और ज्यादा साफ हो जाएगी।आपको बता दें कि कांग्रेस के बागी विधायकों की तरफ से स्पीकर के नोटिस को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है।