क्या रियल लाइफ में लेडी सिंघम पर भारी पड़े जयकांत शिकरे? जानें क्यों सुनीता छोड़ रही हैं पुलिस फ़ोर्स |
पिछले दिनों गुजरात पुलिस की एक महिला कांस्टेबल का वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसमें एक महिला पुलिसकर्मी कर्फ्यू के नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ एक्शन लेती हुई नज़र आई। जब वीडियो वायरल हुआ था लोगो ने उस महिला पुलिस कर्मी के बहादुरी को खूब सराहा, उसके कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा की और उन्हें लेडी सिंघम का टाइटल भी दिया। वीडियो देश के कोने कोने तक पहुंचा, जिसने भी यह वीडियो देखा उसने महिला पुलिस कर्मी के एक्शन लेने के इस अंदाज़ और साहस की प्रसंशा की।
वीडियो वायरल हुए कुछ दिन बीत गए हैं, बीते वक़्त के साथ लेडी सिंघम की बहादुरी की प्रशंसा और तारीफों के मंजर गुजर गए। लोगों ने इस घटना के बाद आगे क्या हुआ इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं रखी। लोगों ने भले इस बात को भुला दिया हो मगर जिस मंत्री के बेटे के साथ यह वाक़या हुआ वो राज्य मंत्री लेडी सिंघम को नहीं भूले। राजयमंत्री ने लेडी सिंघम पर उनके बेटे के साथ बत्त्तमीजी से बात करने का आरोप लगाते हुए जांच के आदेश दिए। पुलिस को जाँच के आदेश मिलते ही गुजरात पुलिस ने एक टीम का गठन किया और इस मामले की जाँच में जुट गयी।
महिला कॉन्स्टेबल के खिलाफ जिस मामले की जांच होगी, पहले उसकी कहानी जान लीजिए। हम जिस महिला पुलिसकर्मी की बात कर रहे हैं उनका नाम सुनीता यादव है। सुनिता पुलिस फ़ोर्स में कांस्टेबल के रैंक पर तैनात हैं। यह घटना बीते शुक्रवार की रात की है। दरअसल शुक्रवार रात 10.30 बजे के करीब मंत्री के कई समर्थक बिना मास्क लगाए सड़क पर घूम रहे थे। इलाके में कर्फ्यू लगा होने के कारण महिला कॉन्स्टेबल ने उन्हें रोक लिया। उनसे पूछा कि वो कर्फ्यू के दौरान कहां घूम रहे हैं, मास्क क्यों नहीं लगाया है?
इस बात से समर्थक बिदक गए, उन्होंने मंत्री के बेटे को फोन मिला दिया। जिसके बाद मंत्री का लड़का अपने पिता की गाड़ी लेकर समर्थकों के पास पहुंच गया। गाड़ी में पिता का नाम और विधायक पद लिखा था। लेकिन यह महिला पुलिस कर्मी बिना डरे अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मौके पर डटी रही। सुनीता यादव ने मंत्री के बेटे से पूछा कि वो विधायक की गाड़ी लेकर क्यों घूम रहे हैं जबकि गाड़ी में तो विधायक जी हैं ही नहीं? इसपर मंत्री के बेटे के हावभाव बदल गए और वह बहसबाजी करने लगा। मंत्री के बेटे और सुनीता यादव के बीच हुए बहसबाजी को राज्य के आरोग्य मंत्री ने महिला पुलिसकर्मी की बत्तमीजी बताया। मंत्री का आरोप है कि महिला कॉन्स्टेबल ने उनके बेटे के साथ बदतमीजी की थी। जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। ज़ाहिर है आरोप गुजरात के स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानानी ने लगाया है तो जांच होनी तय थी।
सूरत पुलिस के पीआरओ पीएल चौधरी ने कहा कि एक वीडियो संज्ञान में आया है, इस मामले में हमें शिकायत मिली है। हमने जांच बैठा दी है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बात यही तक नहीं थमी सुनीता यादव पर तरह तरह के दवाब बनाये जा रहे है। मामले की जाँच चलने तक सुनीता यादव को मीडिया में अपना बयान दर्ज करने की अनुमति नहीं है। इसलिए सुनीता यादव ने फेसबुक लाइव पर आकर यह जानकारी दी की उन्होंने पुलिसिया सिस्टम से तंग आकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं दूसरी तरफ सूरत के पुलिस कमिश्नर राजेंद्र ब्रह्मभट्ट ने इस मामले की जांच एसीपी सीके पटेल को सौंप दी है।
गुजरात में एक महिला कॉन्स्टेबल को अपनी ड्यूटी निभाना महंगा पड़ गया, क्योंकि उसने कानून तोड़ने पर मंत्री के बेटे से सवाल कर लिया था।