एलएसी पर चीन से विवाद के दौरान भारतीय सेना विरोधियों के सामने बड़ी ही मजबूती से डटी रही।भारतीय जाँबाज़ों के इरादों से डर चालबाज चीन ने अपने क़दम धीरे धीरे पीछे खींच लिये। लेकिन अब भारतीय सेना के इरादों को दोगुना मजबूती देने के लिये आ गयी हैं ‘SIG 716 रायफल’। दरअसल सीमा पर चीन या पाकिस्तान से होने वाले विवाद के बाद भारतीय सेना अब खुद को दोगुनी ताक़त से खड़ी करने की तैयारी कर रही है। ताकि दुश्मन देश भारत की तरफ आंख उठाकर भी ना देख सके।
आपको बता दें कि भारतीय सेना ने अमेरिका से 72 हजार अमेरिकन असॉल्ट रायफ़ल की खरीददारी का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, इन अत्याधुनिक रायफल्स के लिए सेना की तरफ से अमेरिका को ऑर्डर भी दिया जा चुका है। पहले बैच का ऑर्डर पूरा हो जाने के पश्चात इस रायफल के दूसरे बैच के लिए भी ऑर्डर दे दिया गया है। गौरतलब है कि भारतीय सेना को इससे पहले 72 हजार अमेरिकी असॉल्ट रायफलें मुहैया कराई जा चुकी हैं। दरअसल इस खतरनाक रायफल का इस्तेमाल सेना, उत्तरी कमांड एरिया के साथ साथ ऑपरेशनल एरिया में भी कर रही है।
वहीं इस रायफल की खासियत पर नज़र डालें तो इसकी रेंज आधा किमी यानि 500 मी है। इसके साथ ही इसमें 7.62 मिमी का बोर भी है। अगर इसके बुलेट्स को परखें तो इसकी गोली दूसरे रायफल्स के मुकाबले बड़ी और ज्यादा घातक भी होती है। वहीं इस रायफल से लगा निशाना अचूक होता है। इस रायफल की एक एक गोली में दुश्मन के खात्मे की क्षमता है। यही एक मात्र कारण है कि इसे ‘शूट टू किल रायफल’ के तौर पर जाना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक इन हथियारों के लिए सेना को जो बजट मिला है, उसके तहत अब 72 हजार और ज़्यादा अमेरिकी असॉल्ट रायफल का ऑर्डर दिया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप भारतीय सैन्य जवानों की ताकत कई गुना ज़्यादा बढ़ जाएगी। बता दें कि इससे पहले जो 72 हजार SIG 716 असॉल्ट राइफलें भारतीय सेना को मिली हैं, उसी का प्रयोग आतंकरोधी अभियानों में भी किया जा रहा है। इस रायफल के चलते आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की लड़ाई और इरादों को और भी मजबूती मिली है।ध्यान देने की बात है कि भारत ने ‘फास्ट ट्रैक’ प्रक्रिया के तहत ही अमेरिका से इस 7 सौ करोड़ रुपये की डील की थी। फिलहाल ये नई रायफल्स, मौजूदा दिनो में इस्तेमाल की जा रही इंसास रायफ़ल की जगह लेंगी। आपकी जानकारी के लिये बता दूं कि इंसास रायफल, सेना के लिए हथियार बनाने वाली ‘ऑर्डिनेंस फैक्ट्री’ ने भारत में ही तैयार किया था।
अभी तक के प्लान के हिसाब से, अमेरिका से तकरीबन 1.5 लाख SIG 716 असॉल्ट राइफल्स की खरीद की जाएगी। इन राइफल्स का इस्तेमाल आतंकियों के खिलाफ होने वाले तमाम ऑपरेशन्स में और एलओसी पर तैनात भारतीय जवान करेंगे। ज़ाहिर है कि आतंकवाद से लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को इस हथियार से बड़ी मदद मिलेगी। वहीं बाकी की सेना एके 203 रायफल का प्रयोग करेगी। इसका निर्माण भारत और रूस के साझा सैन्य उपक्रम के तहत अमेठी स्थित आयुध फैक्ट्री में किया गया है।
दरअसल बीते लंबे अर्से से भारतीय सेना, इंसास रायफ़ल को रिप्लेस करना चाह रही थी। लेकिन किसी कारणवश काम रूक जाता था। वहीं लाइटमशीन गन की कमी के चलते रक्षा मंत्रालय, एक इजारायली कंपनी को तक़रीबन 16 हजार लाइट मशीन गन का भी ऑर्डर दे चुका है। ज़ाहिर तौर पर मई के शुरुआती दिनो से ही भारत और चीनी सेना के बीच तनातनी चल रही थी। जहां चीन के तेवर को देखते हुए भारतीय सेना ने भी अपने भारी सैन्य बलों की तैनाती कर दी थी।