आठ पुलिसकर्मियों को धोखे से मौत के घाट उतारने वाला कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ है। जिस सख्श को पकड़ने के लिए चप्पे चप्पे पर जाँच और छापा मारी चल रही थी वह सख्श आख़िरकार मध्यप्रदेश से गिरफ्तार हुआ। खबर यह आ रही है कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में विकास दुबे ने स्वयं ही पुलिस को सरेंडर किया है। अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल वह उज्जैन थाने में है।
एनकाउंटर के डर से विकास दुबे गया था उज्जैन
आठ पुलिस कर्मचारियों की शहादत का मुजरिम विकास दुबे हर साल श्रावण के महीने में महाकाल के मंदिर जाया करता था। मंदिर में पहुंचते ही विकास दुबे ने पूजा की और पूजा के लिये 250 रुपये की पर्ची कटवाई। जब पर्ची कटाने के लिए नाम बताना था तब विकास दुबे ने अपना असली नाम बताया। विकास दुबे नाम सुनकर मंदिर के सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गएँ और मंदिर प्रशासन ने महाकाल पुलिस चौकी को सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर विकास दुबे को हिरासत में लिया। पुलिस के कब्जे में आते ही मंदिर के बाहर आकर विकास दुबे ने लोगो के सामने जोर से चिल्लाकर आवाज़ लगाई “मैं विकास दुबे हूँ कानपूर वाला “। पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार किया और उज्जैन थाने ले गए हैं।
खुद ही दी अपनी जानकारी ताकि एनकाउंटर से बच सके
सूत्रों की माने तो विकास दुबे ने स्वयं ही अपनी जानकारी पुलिस प्रशासन तक पहुंचाई। मंदिर में अपना असली नाम बताने के पीछे विकास दुबे का मकसद सरेंडर करना हो सकता है। विकास दुबे ने लगातार हो रहे उनके साथियों के एनकाउंटर के डर से खुद को मध्यप्रदेश महाकाल मंदिर में सरेंडर किया है। विकास दुबे का सरेंडर उसकी एक सोची समझी साजिश हो सकती है, क्यूंकि विकास दुबे ने इस तरह खुद को पकड़वा कर, खुद अपना नाम ज़ोर से सबको बताकर महाकाल मंदिर में अपने जिन्दा गिरफ्तार होने का सबूत लोगों तक पहुँचाया है।
अपने नाम की पर्ची कटवाना, CCTV में अपना चेहरा कैद करवाना, सुरक्षाकर्मियों को अपने बारे में बताना, गिरफ्तार होतें ही “मैं विकास दुबे हूँ कानपूर वाला ” की रट लगाना, यह सब विकास की सोची समझी साजिश जैसी प्रतीत होती है।
वहीं उत्तरप्रदेश के पूर्व डिजीपी अरविंद जैन का भी यही मानना है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने उज्जैन मंदिर में जानबूझकर अपने आप को सरेंडर किया है।
लगातार उसके साथियों के एनकाउंटर से खौफ में आ चूका था विकास दुबे
एक ही दिन में पुलिस के आठ कर्मचारियों की हत्या करने जैसा क्रूरतापूर्ण काम करने वाला विकास दुबे अपने अंजाम से वाकिफ था। जिस तरह आये दिन यूपी पुलिस विकास को ढूंढने की जद्दोजहद में लगी हुई थी और उसके साथियों को एक के बाद एक ढेर किये जा रही थी, विकास दुबे को उसके साथ होने वाले हाल का अंदाजा जरूर हो गया होगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जानकारी ट्वीट करके दी। ट्वीट देखे :
हमारी पुलिस ने एक दुर्दांत अपराधी को गिरफ्तार किया है। इसके लिए उज्जैन पुलिस को बधाई देता हूं। आगे की कार्रवाई के लिए इसे यूपी पुलिस को सौंपा जायेगा। मैं आज सुबह से ही मा. श्री @myogiadityanath जी के संपर्क में हूं। दोनों राज्यों की पुलिस मिलकर कार्रवाई कर रही है। pic.twitter.com/wTRhwuz7YF
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 9, 2020
खबरों को देखते हुए अखिलेश यादव ने भी सरकार से विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर सवाल पूछा है। ट्वीट देखे :
ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2020
वहीँ विकास दुबे के महाकाल मंदिर को सुरक्षित जगह मानते हुए महाकाल के शरण में आत्मसमर्पण करने को लेकर भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुटकी ली है। ट्वीट देखे :
जिनको लगता है की महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएँगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं।
हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्श्ने वाली नहीं है…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 9, 2020