6 जुलाई 2020 से श्रावण मास प्रारम्भ, जानें श्रावण में कैसे करें शिवजी का पूजन एवं श्रावण सोमवार व्रत की तिथियां

6 जुलाई 2020 से श्रावण मास प्रारम्भ, जानें श्रावण में कैसे करें शिवजी का पूजन एवं श्रावण सोमवार व्रत की तिथियां – पंडित कौशल पाण्डेय


सनातन धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान शिव की आराधना और उनकी भक्ति के लिए इस माह को विशेष महत्व दिया गया है।

सोमवार 6 जुलाई 2020 से महादेव शिव का प्रिय महीना सावन मास आरंभ होने जा रहा है। सोमवार के दिन सावन का महीना प्रारम्भ हो रहा है ।

मान्यता है जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भाव से सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी तरह की मनोकामना सावन के महीने में भोले शंकर जरूर पूरी करते हैं। इस बार सावन के महीने में कई चीजें खास तरह की होने वाली रहेगी।

शास्त्रों में सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए होता है। सोमवार के दिन व्रत रखने से भोले शंकर अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। ऐसे में अगर सावन के महीने में एक साथ कई सोमवार का दिन आए तो उस दिन भोले भंडारी की सबसे ज्यादा अपनी कृपा बरसाते हैं। सावन का पूरा महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए समर्पित होता है।

कैसे करे शिवजी का पूजन :-

सावन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है शिव का प्रिय दिन सोमवार है अतः सभी शिवालयों में शिव की विशेष पूजा सोमवार को की जाती है , शिवजी का अभिषेक गंगा जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, और गन्ने के रस आदि से किया जाता है। अभिषेक के बाद शिव लिंग के ऊपर बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, नीलकमल, ऑक मदार और भांग के पत्ते के आदि से पूजा की जाती है।

बेलपत्र पर सफ़ेद चन्दन से ओम नमः शिवाय या राम नाम लिख कर चढाने से महादेव अति शीघ्र प्रसन्न होते है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर सौ कमल चढ़ाने से जितने प्रसन्न होते हैं, उतना एक नीलकमल चढ़ाने पर होते हैं। ऐसे ही एक हजार नीलकमल के बराबर एक बेलपत्र और एक हजार बेलपत्र चढ़ाने के फल के बराबर एक समीपत्र का महत्व होता है अतः शिव पूजा में शमी का पत्ता अवश्य चढ़ाये।

वर्ष 2020 के सावन सोमवार व्रत की तिथियां

इस बार श्रावण मास पर अद्भुत संयोग बन रहा है क्योंकि सावन की शुरूआत का पहला दिन (6 जुलाई) ही सोमवार है, वहीं सावन के अंतिम दिन यानी 3 अगस्त को भी सोमवार का ही दिन है। इस वजह से साल 2020 के सावन को विशेष संयोग माना जा रहा है क्योंकि, बहुत कम ही ऐसा होता है जब सावन की शुरुआत और समापन सोमवार के दिन से होती है।

पहला सावन सोमवार व्रत – 06 जुलाई, 2020
दूसरा सावन सोमवार व्रत – 13 जुलाई, 2020
तीसरा सावन सोमवार व्रत – 20 जुलाई, 2020
चौथा सावन सोमवार व्रत – 27 जुलाई, 2020
अंतिम सावन सोमवार व्रत – 03 अगस्त, 2020

श्रावण माह का एक-एक पल पुण्य एवं फलदायी माना गया है, किन्तु इस माह की शिवरात्रि का दिन कुछ अधिक महत्व रखता है। शास्त्र कहते हैं कि ‘अवश्यमेव भोक्तव्यम कृते कर्म शुभाशुभं।’ अर्थात् मनुष्य को अपने द्वारा किए हुए पाप-पुण्य जनित कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है। जीव पाप करके भी तभी तक सुखी रह पाता है, जब तक कि उसके द्वारा संचित पुण्य कर्मों का कोष खाली नहीं हो जाता। कोष खाली होते पाप कर्मों का फल मिलने लगता है, फिर जीव इतना परेशान हो जाता है कि उसे बचने का कोई भी मार्ग दिखाई नहीं देता। श्रावण का माह इसी पुण्य की पुनः वृद्धि करने का वरदान है।

शिवरात्रि के दिन शिव कि आराधना पंचामृत से करें तो अति उत्तम रहेगा। शिव की ही ऐसी पूजा है जिसमे केवल ‘पत्रं-पुष्पं,फलं-तोयं’ अर्थात् पत्र, पुष्प, फल और जल मात्र से पूजा करके पूर्ण फल प्राप्त किया जा सकता है, इसलिए इस दिन आपके पास इसमें से जो भी सामग्री है आप उससे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव कि पूजा करें।

पूजन के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करते रहें। साथ ही ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय’ मंत्र का भी जप कर सकते हैं। ऐसा जपते हुए बेल पत्र पर चन्दन या अष्टगंध से राम-राम लिख कर शिव पर चढ़ाएं। पुत्र पाने कि इच्छा रखने वाले शिव भक्त मंदार, पुष्प से,घर में सुख शान्ति चाहने वाले धतूरे के पुष्प अथवा फल से, शत्रुओं पर विजय पाने वाले अथवा मुकदमों में सफलता कि इच्छा रखने वाले लोग भांग से शिव की पूजा करें तो सभी तरह की पराजय की आशंकाएं समाप्त हो जाएंगी।

इस पूजा से महादेव देंगे मोक्ष का महावरदान
संपूर्ण कष्टों और पुनर्जन्म से मुक्ति चाहने वाले मनुष्य को गंगा जल और पंचामृत चढ़ाते हुए ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नों रुद्रः प्रचोदयात।’ मंत्र को पढ़ते हुए सभी सामग्री जो भी यथा संभव हो, उसे लेकर समर्पण भाव से शिव को अर्पित करें। श्रद्धा भाव और विश्वास के साथ जो भी पूजन आप करेंगे, उससे प्रसन्न होकर महादेव आपकी सभी मनोकामना पूर्ण करेंगे।

पंडित कौशल पाण्डेय 

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