कानपुर में बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़, 1 डीएसपी समेत 7 पुलिसकर्मी शहीद | पढ़ें पूरी खबर

कानपुर में बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़, 1 डीएसपी समेत 7 पुलिसकर्मी शहीद


चौबेपुर के बिकरू गांव में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को गुरुवार की आधी रात पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। घरों की छत से पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुन गोलियां बरसाई गईं, जिसमें सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही शहीद हो गए। हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है।

घायल पुलिसकर्मियों ने बताया कि दबिश के दौरान अपराधियों ने इस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी कि जैसे पहले से ही उन्हें भनक लग गई थी। लेकिन बिठूर और चौबेपुर पुलिस की घेराबंदी होने के चलते समझ ही नहीं सके। खुद को फंसता देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जब तक कुछ समझ पाती या मोर्चा संभालती सात लोगों के गोली लगने से बैकफुट पर आ गई। इसके बाद बदमाश मौके से भाग निकले।

हमले की जानकारी मिलते ही एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार समेत तीन एसपी और कई सीओ सर्किल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। देर रात तक अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देती रही। वहीं, कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायन सिंह ने 8 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चार और पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक है।

हमले में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मी

देवेंद्र कुमार मिश्र, डीएसपी
महेश यादव, एसओ शिवराजपुर
अनूप कुमार, चौकी इंचार्ज मंधना
नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर
राहुल ,कांस्टेबल बिठूर
जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर

बबलू ,कांस्टेबल बिठूर

कानपुर जिले की सभी सीमाएं सील, चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात।
कानपुर देहात जिले में पड़ने वाली चार सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है। यहां पुलिस हर गाड़ी की सख्ती से चेकिंग कर रही है।

कौन है कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
25000 के इनामी विकास दुबे पूर्व प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ करीब 53 हत्या के प्रयास के मुकदमे चल रहे हैं।
वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपित है।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक, कहा होगी कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत पर दुख व्यक्त किया। इस घटना के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पल-पल की खबर ले रहे हैं। उन्होंने यूपी के डीजीपी को मामले में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया और मामले की रिपोर्ट मंगाई। वहीं एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि 8 लोग घायल हैं, इसमें से 5 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस के हथियार गायब हैं, इसकी जांच चल रही है कि किसके पास कौन से हथियार थे। जो भी लोग इस घृणित कार्य में लिप्त थे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें ढूंढकर कानून के सामने पेश किया जाएगा। हमने इसमें स्पेशलिस्ट टीमों को लगाया है।

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