कोरोना में सिर्फ 2 गज़ दुरी से नहीं होगा बचाव | रखें इन बातों का भी विशेष ध्यान
क्या सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब सिर्फ Physical distancing होता है?
क्या किसी व्यक्ति से 2 ग़ज़ की दूरी बना लेने से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन हो जाता है?
तो उत्तर है “नहीं” कभी नहीं
क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब सिर्फ 2 इंसानों के बीच की दूरी नही है बल्कि हर उस जीवित या निर्जीव वस्तु से दूरी है जिसे आप नही जानते हैं।
आपको क्या पता सड़क और या सीढ़ियों पर जिस रेलिंग को आप छू रहे हैं उसे किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति ने आपसे पहले छुआ है या नहीं।
बैंक में किसी के ऑफिस या किसी दुकान पर जिस टेबल या डेस्क का सहारा लेकर आप खड़े हो जाते हैं उसको पहले किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति ने छुआ है या नहीं।
बाहर जाकर किसी भी सरफेस पर आप बिना सोचे समझे बैठ जाते है, आपको क्या पता पहले वहां कौन बैठा था या किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति के ड्रापलेट वहां गिरे हए हैं या नहीं। नीचे जमीन पर और सीढ़ियों पर तो बिल्कुल ना बैठें।
अक्सर देखा जाता है लोग मार्केट में किसी भी अनजाने स्कूटर या कार का सहारा लेकर खड़े रहते है। ये भी पूरी तरह गलत है।
कहीं भी जाए तो लिफ्ट का उपयोग ना करें। अगर कोई ऑपरेटर है तभी लिफ्ट का उपयोग करें ताकि आप लिफ्ट के सरफेस को ना छुए। थोड़ा सीढ़ियां चढ़ लेंगे तो स्वस्थ रहेंगे।
कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि वायरस अब दो व्यक्तियों के कॉन्टैक्ट से भी ज्यादा किसी सरफेस को अनजाने में छूने से ज्यादा फैल रहा है। इसलिए दूरी बनाए रखने के साथ साथ किसी भी अनजानी चीज़ या सरफेस को छूने से बचें।
अगर गलती से छू भी लिया तो तुरंत हाथ धोयें या सैनीटाइजर से हाथ साफ कर लें।
कई कोरोना पॉज़िटिव लोगों ने बताया हम तो सब फॉलो करते थे। जब उनसे सोशल डिस्टेंसिंग का सही मतलब पूछा तब उन्हें पता चला वो क्या गलती कर रहे थे।
अगर आपकी समझ मे आ गया हो तो अपने दोस्तों और संबंधियों से शेयर कर के उन्हें भी इसका लाभ दें।