भारत को परमाणु संपन्न बनाने वाले वैज्ञानिक पी के अयंगर की 89 वीं जयंती पर पढ़िए विशेष आलेख..
देश के जाने-माने महान वैज्ञानिक पी के अयंगर का जन्म 29 जून, 1931 को हुआ था। वो पहले शख्स थे, जिन्होंने देश को परमाणु शक्ति का खिताब दिलाया। वे भारत के प्रथम परमाणु बम परीक्षण के सूत्रधार थे। वे भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC) के निदेशकऔर उसके बाद परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष रहे।
पोखरण-I के गुमनाम हीरो- पीके अयंगर
परमाणु डिवाइस को बनाने वाले डॉ. पीके अयंगर का मिशन में महत्वपूर्ण योगदान था। हालांकि अधिकांशत: रमन्ना को हीरो के रूप में पेश किया जाता है। पर अगर अयंगर ने एटम बम को डिजाइन न किया होता तो शायद इसका भविष्य कुछ और ही होता।
दुनिया में भारत को परमाणु ताकतों की कतार में ला खड़ा करने वाला पोखरण-I साल 1974 में 18 मई को अंजाम दिया गया था। देश का पहला परमाणु परीक्षण भारतीय सेना ने सैन्य बेस राजस्थान पोखरण टेस्ट रेंज में किया था।इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों से अलग परमाणु परिक्षण करने वाला भारत, दुनिया का पहला मुल्क बन गया।
भले ही डॉ. राजा रमन्ना प्रोजेक्ट हेड थे, पर इस परमाणु हथियार को डॉ. पी के अयंगर ने बनाया और इसका डिजाइन तैयार किया था। दुनिया की नजरों से बचाने के लिए भारत ने इसका कोड नाम स्माइलिंग बुद्धा रखा था। जब तक परमाणु का सफलतापूवर्क परीक्षण नहीं कर लिया गया डॉ.पी के अयंगर ने इसकी डिजाइन और इसकी ताकत को सबसे गोपनीय ही रखा।
1975 में पद्म भूषण और साल 1971 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले अयंगर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर और एटॉमिक एनर्जी कमिशन के चेयरमैन भी रहे।
हालांकि, परमाणु परीक्षण इनकी वजह से ही सफल हो सका, पर अयंगर बहुत ही शांतिप्रिय व्यक्ति थे। यही वजह है कि उन्होंने शांति के लिए काफी काम किया।