तेलंगाना स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट (TSCPCR) के अनुसार, पिछले तीन महीनों के दौरान तेलंगाना में 204 बाल विवाह हुए हैं।
TSCPCR ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों से कहा गया है कि वे तत्काल कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करें और लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के प्रति सचेत करें।
विज्ञप्ति के अनुसार, COVID-19 महामारी के दौरान चाइल्डलाइन द्वारा आयोग को बताया गया कि 24 मार्च से 31 मई तक कुल 204 बाल विवाह हुए हैं।
आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है क्योंकि बाल विवाह का बालिकाओं के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
आयोग ने आगे कहा कि बालिकाओं को कम उम्र में होने वाले विवाह से बचाना हर किसी की जिम्मेदारी है, अन्यथा, यह उनके जीवन के हर क्षेत्र में, विशेषकर स्वास्थ्य और शिक्षा में उन्हें प्रभावित करेगा।
बाल विवाह भारत में कानूनी अपराध है इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में बाल विवाह कैसे संपन्न हो रहे हैं, ये एक सोचनीय विषय है। लोगों को बाल विवाह से होने वाले नुक़सान के बारे में जागरूक करने की आवशयकता है, जिसके लिए सरकार को और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। कानून को सख़्त बनाकर, देश के प्रत्येक जिले में इसे पूर्ण रूप से लागू करवाना चाहिए।