सोमवती अमावस्या २० जुलाई को है, इसलिए इस बार श्रावण का महत्व अधिक माना गया है।
श्रावण मास में तीन बार अमृत सिद्धि योग भी आया है।
६ जुलाई से प्रारंभ होने वाले श्रावण मास में पहला सोमवार ६ जुलाई को,
दूसरा सोमवार १३ जुलाई को,
तीसरा सोमवार २० जुलाई को (सोमवती अमावस्या),
चौथा सोमवार २७ जुलाई और
अंतिम पांचवां सोमवार ३ अगस्त को है।
सावन मास में-
श्रावण मास के चार मंगलवार को मंगला गौरी व्रत है।( काशी में विशेष रूप से मनाया जाता है)
७ जुलाई को श्रावण कृष्ण द्वितीया को अशून्यशयन व्रत
२० जुलाई को सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या।
२३ जुलाई को श्रावण शुक्ल तृतीया को श्रावणी तीज, हरियाली तीज, कजली तीज पर्व मनाया जाता है।
२५ जुलाई को नाग पंचमी है। इस दिन दूध से नागों को स्नान कराया जाता है।
२७ जुलाई को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है।
३ अगस्त को रक्षाबंधन, श्रावणी पर्व (उपाकर्म पर्व), ऋग्वेदियों व यजुर्वेदियों का उपाकर्म है।
३ अगस्त को प्रातः ९:२८ बजे तक भद्रा है। इसके पश्चात ही राखी बांधी जाएगी, श्रवण पूजा होगी और श्रावणी पर्व प्रारंभ होगा।
श्रावण मास में तीन बार अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं-
१४ जुलाई श्रावण कृष्ण नवमी
२६ जुलाई श्रावण शुक्ल षष्ठी
२९ जुलाई श्रावण शुक्ल दशमी को अमृत सिद्धि योग है।
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प्रेमावतार पंचरसाचार्य श्रीमद् स्वामी श्री राम हर्षण दास जी महाराज श्री के लाडले कृपा पात्र।
मणिराम दास
संस्थापक/अध्यक्ष-श्री सिद्धि सदन परमार्थ सेवा संस्थान एवं ज्योतिष परामर्श केंद्र श्री धाम अयोध्या जी
६३९४६१४८१२/९६१६५४४४२८