ITR दाखिल करने की समयसीमा बढ़ी, पढ़िए आयकर नियमों में हुए 7 बदलावों के बारे में

COVID-19 के महामारी के बीच करदाताओं को राहत देते हुए, आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने से लेकर tax saving investments करने के लिए – दूसरी बार विभिन्न समयसीमाओं में छूट दी है। इससे पहले मार्च में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं के लिए विभिन्न अनुपालन संबंधी राहत (compliance related relief) की घोषणा की थी और अब जब COVID-19 का ग्राफ ऊपर की ओर जारी है, तो सरकार ने tax payers को राहत देते हुए समयसीमा को और आगे बढ़ा दिया है।

आयकर नियमों में हुए 7 अहम बदलाव-

1) वित्त वर्ष 2018-19 (AY 2019-20) के लिए belated या revised ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 मार्च थी लेकिन इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया था। अब यह समयसीमा आगे बढ़ाकर 31 जुलाई तक कर दी गई है।

2) आमतौर पर, वेतनभोगी वर्ग के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है। यह समयसीमा अब बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दी गई है। आयकर विभाग ने जानकारी दी है कि “31 जुलाई, 2020 और 31 अक्टूबर तक आय के रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती है। इसे अब 30 नवंबर, 2020 तक दायर किया जा सकता है। नतीजतन, आयकर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तारीख भी 31 अक्टूबर, 2020 तक बढ़ा दी गई है।”

3) धारा 80 C (एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी आदि), 80 D (मेडिक्लेम), 80 G (दान/Donations) आदि के तहत आयकर कटौती का दावा करने के लिए विभिन्न निवेश या भुगतान करने की अंतिम तिथि को भी 31 जुलाई, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। ClearTax के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने बताया है कि “ये एक्सटेंशन उन लोगों के लिए उपयोगी होंगे जो अपने कर बचत निवेश (Tax Saving Investments) करने में सक्षम नहीं हैं। कई करदाता अपने फॉर्म 16 को प्राप्त करने और अपनी टैक्स फाइलिंग को पूरा करने के लिए तत्पर हैं ताकि वे समय पर रिफंड प्राप्त कर सकें।”

4) छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देने के लिए, करदाता के मामले में self- assessment tax के भुगतान की तिथि, जिसका self- assessment tax liability ₹ 1 लाख तक है, को भी बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया गया है। डेलॉइट इंडिया के पार्टनर आरती रावते ने कहा, “यह विस्तार करदाताओं को महामारी के बीच अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सक्षम बनाता है। हालांकि ब्याज की कमी और छूट उन मामलों तक सीमित है जहां टैक्स लायबिलिटी, 1 लाख से कम है।”

5) आईटी अधिनियम की धारा 54 से 54GB के तहत पूंजीगत लाभ (capital gains) के संबंध में roll over brnefit या deduction का दावा करने की समय सीमा को आगे 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

6) वित्त वर्ष 2019-20 के लिए TDS और TDS Statement जारी करने की अंतिम तिथि क्रमशः 31 जुलाई, 2020 और 15 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दी गई है।

7) आधार को पैन से जोड़ने की अंतिम तिथि को भी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

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