उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक सरकारी शेल्टर होम में 57 से अधिक महिलाऐं और नाबालिग लड़कियां, कोरोना वायरस टेस्ट में पॉज़िटिव पाई गईं हैं। इससे ज्यादा चिंता की बात ये है कि कोरोना पॉज़िटिव आने वालों में पांच नाबालिगों सहित सात लड़कियाँ गर्भवती हैं। इतना ही नहीं पांच गर्भवती नाबालिगों में एक HIV पॉजिटिव लड़की भी शामिल है।
दरअसल एक हफ्ते पहले, सरकारी शेल्टर होम में एक महिला कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई थी। जिसके बाद शेल्टर होम में अन्य लोगों के ही कोरोना वायरस टेस्ट करवाए गए। 18 जून को टेस्ट के नतीजों में पाया गया कि 33 और लड़कियां कोरोना वायरस बीमारी की चपेट में हैं। जिसके बाद शेल्टर होम में अगले 2 दिनों में 28 से ज्यादा लड़कियओं के भी टेस्ट कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
कोरोना वायरस के इन टेस्टों में चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि कानपुर के इस सरकारी शेल्टर होम में पांच नाबालिगों सहित कुल सात लड़कियां गर्भवती भी है। फिलहाल इन सबका जिले में ही इलाज चल रहा है।
इस खबर के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सिस्टम को कसूरवार ठहराते हुए कहा कि ऐसी घटना यूपी के देवरिया और बिहार के मुजफ्फरपुर में भी सामने आ चुकी है लेकिन जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है। इस पूरी खबर को फेसबुक पर शेयर करते हुए प्रियंका गांधी ने लिखा कि
“कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना वायरस होने के बाद एक हैरानी करने वाला तथ्य सामने आया। दो बच्चियां गर्भवती निकली और एक को एड्स पॉजिटिव निकला।मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है ऐसे में पुनः इस तरह की घटना का सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है। लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही है।”
कानपुर के आयुक्त सुधीर महादेव ने कहा है कि लड़कियों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार विभिन्न जिलों से शेल्टर होम में लाया गया था और ये लड़कियां शेल्टर होम में रखने से पहले ही गर्भवती थी।
हालांकि, आयुक्त ने कहा है कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी को मामले में गलती पाई जाती है, तो जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि कानपुर शहर के स्वरूप नगर में स्थित इस शेल्टर होम को सील कर दिया गया है।