केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को कोरोना वायरस परीक्षण के लिए एक मोबाइल प्रयोगशाला शुरू की, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाया जा सकता है और last-mile परीक्षण को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। मोबाइल लैब, जिसे आई-लैब या संक्रामक रोग निदान प्रयोगशाला भी कहा जाता है, एक दिन में 50 RT-PCR और लगभग 200 ELISA (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) परीक्षण चला सकती है।
वर्धन ने कहा कि मशीनों का एक डबल सेट 8 घंटे की पाली में प्रति दिन लगभग 500 परीक्षणों की क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है। आंध्र प्रदेश मेड-टेक ज़ोन (AMTZ) के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तकनीकों की कमी को दूर करने के लिए DBT-AMTZ COMMAND (COVID-19 Medtech Manufacturing Development) कंसोर्टिया की शुरुआत भारत में की है और इसी के साथ भारत आत्मनिर्भरता के एक चरण की ओर बढ़ रहा है।