विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग या फिर महिला क्रिकेटर मिताली राज, अंजुम चोपड़ा जैसी ही अन्य भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों को देखकर हर युवा उनके जैसा नाम, पैसा, शोहरत कमाने के सपने देखता हैं, खासकर जब कोई बच्चा अपनी गली-मोहल्ले में क्रिकेट खेलता है तब अधिकतर पेरेंट्स भी चाहते हैं कि उनके बच्चे भी इस क्षेत्र में अपना नाम रोशन करें, किन्तु दिक्कत यह होती हैं कि उन्हें जिस उम्र में यह करियर चुनना चाहिए तब सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता हैं। आज आपको हम बता रहे हैं क्रिकेट के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए क्या संभावनाएं हैं और किस प्रकार से क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है… आयुष एंकर द्वारा तैयार पढ़िए यह विशेष आलेख….
8 वर्ष की उम्र से शुरू कर सकते हैं क्रिकेट के क्षेत्र में कैरियर
आपको या आपके बच्चे को जो क्रिकेटर बनना चाहता हैं उसे कम उम्र से ही किसी अच्छे कोच की निगरानी में क्रिकेट सीखना होगा।
8 वर्ष ही सही उम्र है यह निर्धारित करने की कि आपको या आपके बच्चे को क्रिकेटर बनना हैं ? इस उम्र से ही यदि बच्चा क्रिकेट में रूचि ले रहा हैं तो आप उसे क्रिकेट अकादमी भेजना चाहियें। बहुत सी ऐसी क्रिकेट एकेडमी हैं जो 8 वर्ष के बच्चों को प्रवेश देती हैं हालाँकि ऐसा नहीं है कि 8 वर्ष से बड़े बच्चों को इन अकादमी में प्रवेश नहीं मिलता कई सारी अकादमी में तो 17-18 वर्ष तक के बच्चों को प्रवेश मिल जाता हैं किन्तु अगर आपका बच्चा जितनी जल्दी क्रिकेट के सभी गुर सीख ले तो इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती। अगर आप खुद स्टूडेंट हैं और आपकी उम्र 18 वर्ष से कम हैं तो तो अभी भी सही समय हैं जब आप अपने सपने को पूरा कर सकते हैं किन्तु यदि आप 20-22 वर्ष के या उससे ज्यादा हो गए हैं तो आप अब इस खेल की शुरुआत नहीं कर सकते।
आर्थिक स्थिति ठीक ना होने पर किसी स्पॉन्सर को करें सर्च
यदि आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो आपको किसी इस्पोंसेर को ढूँढना होगा जो आपके ट्रेनिंग के खर्च उठा सके, क्योंकि क्रिकेट सीखने में काफी समय, पैसा महंगे उपकरण खरीदने में तथा जिम आदि पर काफी खर्च होता है। अगर आपके ऊपर पारिवारिक जवाबदारियाँ ज्यादा हों तो आप इस क्षेत्र में ना आयें तो बेहतर होगा। अगर आप क्रिकेट को ही अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं तो आपको अपनी पढ़ाई बिलकुल नहीं छोड़ना चाहियें यदि आप पढ़ाई और खेल के बीच ठीक तालमेल बैठा सकें तो ही इस ओर कदम आगे बढ़ें। धैर्य सबसे बड़ी चीज हैं इस खेल में हो सकता है आपको शुरुआत में सफलता ना मिले ! लेकिन आपको धीरज रख कर आगे बढ़ना होगा। शारीरिक श्रम काफी करना होता हैं आपको यानि अपनी फिजिकल फिटनेस पर काफी ध्यान देना होगा। खान-पान पर भी ध्यान दें ताकि आपका स्टेमिना ठीक रहें और आप अपना अच्छा प्रदर्शन दे सकें।
इसके आलावा आप मेहनती होना चाहिए, आपमें लगन होना चाहिए और क्रिकेट के प्रति जूनून होना चाहियें तभी आप सफल हो सकते है।
क्रिकेट कोई एक कोर्स नहीं हैं जिसे किसी कोचिंग या ट्रेनिंग सेण्टर जाकर सीख लिया जाये कई वर्षों की मेहनत के बाद लोग इस खेल में सफल हो पाते हैं और बहुत ही कम लोगों को मौका मिलता हैं देश की राष्ट्रीय टीम में खेलने का।
कैसे ले प्रवेश?
देश के लगभग हर बड़े शहर में क्रिकेट अकादमी हैं जहाँ आप प्रवेश ले सकते हैं।
प्रवेश लेने के पहले आपको उस अकादमी एवं वहां के कोच की पूरी जानकारी होना अति आवश्यक हैं। पहले पता करें कि जहाँ आप प्रवेश ले रहें हैं वहां कौन मुख्य कोच हैं एवं उन्होंने किन किन खिलाडियों को ट्रेनिंग दी हैं और वे खिलाड़ी कहाँ तक पहुँच पाए हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखें जहाँ आप प्रवेश ले रहें हैं उस अकादमी का क्रिकेट क्लब जो कि उस राज्य के क्रिकेट अकादमी से सम्बन्धित है या नहीं? इसके आलावा एक बात और हैं, कई बड़े बड़े शहरों में क्रिकेट सीखना एवं टीम में चयन कराने के नाम पर ठगी भी होती है तो उससे सावधान रहें जहाँ भी एडमिशन लें पूरी तरह जानकारी लेकर ही उस अकादमी में प्रवेश लें या अपने बच्चों को प्रवेश दिलाएं।
राष्ट्रीय टीम में पहुंचने के लिए देना होगा ट्रायल्स
भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम (Indian national cricket team) तक पहुचनें के पहले के लिए कई कड़ी परीक्षाओं से होकर गुजरना होता हैं इसके लिए कई चयन परीक्षा कई ट्राएल होते हैं जिन्हें पार करते हुए आगे बढ़ना होता है।
सबसे पहले छात्रों को राज्य की संबंधित क्रिकेट अकादमी से सम्बंधित क्रिकेट क्लबों के द्वारा आयोजित घरेलु टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिलता है बस यहीं से शुरू हो जाती हैं इंडियन नेशनल क्रिकेट टीम तक पहुँचने की यात्रा। लेकिन इस टूर्नामेंट को खेलने के लिए भी अंडर 15 टीम में चयनित होना होगा जो कि समय समय पर होने वाले ट्राएल एवं आपके खेले के आधार पर होगा। अगर आपका सिलेक्शन अंडर 15 में नहीं भी होता है तो आपके पास इसके बाद और भी मौके होते हैं जैसे अंडर 16 – 17 एवं 18 आदि। जब आपका इन टीम में सिलेक्शन हो जाता है तो यहीं खेलते खेलते ही आप नेशन टीम जैसे रणजी, इंडिया अंडर 19 एवं नेशनल टीम में पहुँच सकते हैं।