सोमवार को LAC पर चीन के साथ हुई मुठभेड़ में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को दोपहर में एक अफसर और दो जवानों के शहीद होने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में 20 सैनिक शहीद हुए हैं। बताया जा रहा है कि ये संख्या और भी बढ़ सकती है।
वहीं, न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, इस घटना में चीनी सेना के 43 जवानों की भी मौत हुई है। कई जवान घायल भी हुए हैं। बता दें कि सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी।
LAC के विवाद पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए। मंत्रालय कहना है कि LAC पर कल जो कुछ हुआ उससे बचा जा सकता था। इन विवादों में दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है।
LAC पर हुई इस झड़प के बाद दिल्ली में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक हुई। वहीं, राजनाथ सिंह ने इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को फोन पर दी। तो वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम आवास जाकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।
मंगलवार को दोपहर में भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया कि गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए।
इस घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान भी सामने आया। बीजिंग ने उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, बीजिंग का आरोप है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत ऐसी स्थिति में एकतरफा कार्रवाई ना करे।