पीएम केयर्स फंड के बढ़ते विवाद में अब राहत की खबर आ रही है की अब पीएम केयर्स फंड का ऑडिट किया जायेगा। देश में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में केंद्र और राज्य सरकार कई राज्यों में नाकाम साबित हो रहे हैं। अब तक देश में कोरोना के तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके है। कम्युनिटी स्प्रेड के डर से और बुरी स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण जनता में आक्रोश है। इसी बीच पीएमओ ने पीएम केयर्स फंड के ऑडिट करवाने से साफ़ इंकार कर दिया था।
विवादों और अदालती मामले से जूझते हुए मोदी सरकार ने शुक्रवार को पीएम केयर्स फंड की जानकारी अपडेट करने के लिए एक स्वतंत्र ऑडिटर की नियुक्ति की है। वहीं दो प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी मानद आधार पर फंड का संचालन करेंगे।
दरअसल, हाल ही में पीएम केयर्स फंड की जानकारी के लिए कोर्ट में आरटीआई दाखिल की गई थी। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने पारदर्शिता की कमी का हवाला देते हुए मुंबई हाईकोर्ट के साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट में भी इस फंड को चुनौती दी थी। हालांकि इन आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया।
हालांकि अब आरटीआई आवेदनों में से कुछ प्रश्नों का उत्तर पीएम केयर्स फंड की वेबसाइट पर दिया गया है। इसके मुताबिक यह फंड 27 मार्च को एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत हुआ था। इसका मुख्य कार्यालय दक्षिण ब्लॉक में पीएम कार्यालय के रूप रजिस्टर है।
आरटीआई के तहत नहीं दी जानकारी
इन विवादों के बीच आरटीआई के जरिए पीएम केयर्स फंड के बारे में जानकारी मांगी गई थी। हालांकि पीएमओ की तरफ से जानकारी देने से मना कर दिया गया था। सीपीआईओ की तरफ से आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी को खारिज कर दिया गया था। सीपीआईओ ने कहा पीएम केअर्स फंड आरटीआई के दायरे में नहीं आता है.