बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के अस्पतालों को अस्पताल के बाहर एक एलईडी बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया है। सभी अस्पतालों को COVID और नॉन COVID बेड की उपलब्धता के साथ-साथ कमरे के लिए शुल्क और संपर्क विवरण के साथ अस्पताल में कितने बेड खाली हैं बताना होगा। ये सारी जानकारी को हॉस्पिटल के बाहर LED बोर्ड पर सही-सही दिखानी होगी।
एलजी का ये आदेश, पारदर्शिता को बढ़ाने के उद्देश्य से आया है क्योंकि अस्पतालों में मरीजों को प्रवेश से वंचित रखने की कई शिकायतों लगातार आ रही थी। और यहां तक कि लोग खुद का कोरोना वायरस टेस्ट कराने में भी असमर्थ पा रहे थे।
स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए भी सलाह दी जा सकती है कि इन एलईडी बोर्ड पर प्रदर्शित डेटा को सरकारी ऐप / पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के साथ सामंजस्य स्थापित किया जाए। इसके अलावा, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा प्रतिनियुक्त अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अचानक निरीक्षण भी किए जा सकते हैं। बैजल के नवीनतम आदेश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अस्पताल/ क्लीनिक/ नर्सिंग होम द्वारा सही डेटा प्रदर्शित किया जाता है और कोई पात्र/वास्तविक रोगी प्रवेश से वंचित नहीं हो और मरीज़ से ओवर चार्ज ना किया जाए।
एक हफ्ते पहले, दिल्ली सरकार ने विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध बेड और वेंटिलेटर की लाइव स्थिति देने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन “Delhi Corona” लॉन्च किया था। लेकिन ऐसी शिकायतें थीं कि ऐप सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है।
एल-जी का यह आदेश भी दिल्ली सरकार के ये स्वीकार करने के बाद आया है, कि दिल्ली के अस्पतालों में बेड की सख्त जरूरत होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मीडिया को बताया कि शहर में बेड की कमी हो सकती है क्योंकि मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुछ सरकारी अस्पतालों में अभी भी कुछ बेड उपलब्ध हैं इसके बावजूद, कई अस्पताल लोगों को दाखिल करने से इनकार कर रहे हैं। लगातार आ रही ऐसी खबरों के बाद से दिल्ली सुर्खियों में आ गई है।
दिल्ली में COVID-19 के 31 हज़ार से अधिक सकारात्मक मामले हैं। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार का अनुमान है कि दिल्ली में कोरोना पॉज़िटिव मामले 30 जून तक 1 लाख हो जाएंगे और जुलाई अंत तक 5.5 लाख हो जाएंगे।
गौरतलब हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली निवासियों के अलावा, राजधानी के अस्पतालों में कोरोना वायरस के उपचार के लिए अन्य राज्यों के लोगों के इलाज को प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। केजरीवाल के इस निर्णय को बाद में एल-जी बैजल ने खारिज़ कर दिया था।