आए दिन गूगल किसी न किसी नई तकनीक को लेकर सुर्खियों में बना ही रहता है, लेकिन हम आपको जिस चौकाने वाली खबर से अवगत कराने वाले हैं उसे पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे..
हाल ही में यूजर्स के प्राइवेट इंटरनेट यूज को ट्रैक करने के लिए Google पर कैलिफोर्निया के सैन होज़े में 5 बिलियन डॉलर का मुकदमा किया गया है. अमेरिका की प्रसिद्ध सर्च इंजन कंपनी गूगल पर 5 बिलियन डॉलर का मुकदमा दर्ज किया गया है. वजह यूजर्स की प्राइवेसी से जुड़ा है. ये दरअसल एक क्लास ऐक्शन लॉसूट है. इसके तहत गूगल क्रोम और गूगल की दूसरी सर्विस यूजर्स की तरफ से कुछ लोगों ने मिल कर Google पर मुकदमा किया है.
Google Chrome में एक फीचर है – इनकॉग्निटो मोड. इसे लोग तब यूज करते हैं जब उन्हें कुछ प्राइवेट ब्राउजिंग करनी होती है. आम तौर पर लोगों की सोच ये रहती है कि इनकॉग्निटो मोड पर बिना अपना ट्रेस छोड़े ही ब्राउजिंग कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.
कहां फाइल किया गया है लॉ सूट?
अमेरिका के सैन होज़े (कैलिफोर्निया) के फेडरल कोर्ट में गूगल के खिलाफ ये मुकदमा किया गया है. वहां की एक लॉ फर्म की तरफ से ये मुकदमा दर्ज किया गया है. बोइस शिलर फ्लेक्सनर लॉ फर्म की तरफ से ये मुकदमा दर्ज किया गया है. इनका कहना है कि गूगल बिना यूजर के कंसेंट के ही गलत तरीके से यूजर का डेटा इंटरसेप्ट और कलेक्ट कर रहा है.
Google पर लगा काफी गंभीर आरोप
विभिन्न स्मार्टफोन यूजर के फोन पर गूगल ऐड मैनेजर और दूसरे ऐप्लिकेशन द्वारा निजी जानकारी ट्रैक जाने का आरोप लगा है।
सैन होज़े के फेडरल कोर्ट में फाइल किए गए इस मुकदमे में कहा गया है कि कंपनी गूगल अनालिटिक्स, गूगल ऐड मैनेजर और दूसरे ऐप्लिकेशन और वेबसाइट प्लगइन के जरिए यूजर्स को ट्रैक करता है. इनमें स्मार्टफोन्स के ऐप्स भी शामिल हैं. इस शिकायत में गूगल पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कहा गया है कि कंपनी अपनी इन सर्विस के जरिए यूजर्स को पढ़ती है, उनके पर्सनल कॉन्टैक्ट्स के बारे में पता लगाती है, हॉबीज के बारे में जानती है और डायटिंग हैबिट्स ट्रैक करती है. इस मुकदमे में ये भी कहा गया है कि कंपनी यूजर्स द्वारा सर्च किए गए बेहद संवेदनशील चीजों का भी ट्रैक रखती है जो ऐसी चीजें हैं जो यूजर्स को शर्मसार कर सकती हैं. मुकदमा करने वालों ने कहा है कि Google “कंप्यूटर या फोन के साथ लगभग हर अमेरिकी से गुप्त और अवैध डेटा संग्रह में संलग्न नहीं रह सकता है,’
हर यूजर्स के लिए 5,000 डॉलर के मुआवजे की मांग
मुकदमा दर्ज कराने वाली लॉ फर्म ने इस शिकायत में गूगल से मुआवजे की मांग की है. इसमें कहा गया है कि गूगल ने फेडरल वायरटैपिंग और कैलिफोर्निया प्राइवेसी लॉ का उल्लंघन किया है. इसकी वजह से लाखों लोग जो 1 जून 2016 से इनकॉग्निटो मोड यूज कर रहे हैं वो प्रभावित हुए हैं. हर यूजर्स के लिए 5,000 डॉलर के मुआवजे की मांग की गई है. गूगल प्राइवेसी कानून के उल्लंघन पर मुकदमा करने वाले लोगों ने 5 बिलियन डॉलर यानी 3,77,45,02,50,000 रुपये टोटल मुआवजा मांगा है. अगर गूगल को कोर्ट ने दोषी पाया और 5 बिलियन डॉलर मुआवजा देने को कहा, तो ये लाखों यूजर्स में बंट सकता है. चूंकि ये क्लास ऐक्शन लॉ सूट है, इसलिए जो भी योग्य यूजर होंगे और क्राइटेरिया को फुलफिल करेंगे उन्हें 5 बिलियन में से सबको एक तय रकम दी जा सकती है. हालांकि अभी मुकदमा दर्ज करने वाली लॉ फर्म ने कोई क्राइटेरिया तय नहीं किया है.
गूगल ने पेश की सफाई
इस गंभीर आरोप पर सफाई पेश करते हुए गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा है, ‘हम साफ तौर पर कह चुके हैं कि जितनी बार भी आप इनकॉग्निटो टैब ओपन करते हैं, वेबसाइट्स आपकी ब्राउजिंग ऐक्टिविटी से जुड़ी जानकारी कलेक्ट कर सकते हैं’. हमारी कंपनी सभी यूजर्स को स्वतंत्र रूप से सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है हम किसी भी यूजर की जानकारी ना तो इकट्ठा करते हैं और ना किसी साझा करते हैं.
क्या है इनकॉग्निटो मोड..?
इंटरनेट यूजर्स द्वारा उनकी गतिविधियों को ट्रैक करने उनकी जानकारी इकट्ठा करने को इनकॉग्निटो मोड कहते हैं. साधारण शब्दों में आप ये समझ लें कि इनकॉग्निटो मोड यूज करके आप ट्रैक होने से खुद को नहीं बचा सकते हैं. गूगल के मुताबिक इस मोड पर ब्राउजिंग करने पर क्रोम आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री, कूकीज और सिट डेटा सेव नहीं करता है. लेकिन ये गूगल का ये भी कहना है कि आप इन्कॉग्निटो मोड यूज करके भी आप अपनी ऑनलाइन ऐक्टिविटी को किसी वेबसाइट से छुपा नहीं सकते हैं. यानी आपका ऑर्गनाजेशन, स्कूल या फिर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर अगर चाहें तो आपकी ऐक्टिविटी ट्रैक कर सकते हैं.
Dearfact.com अपने पाठकों से अनुरोध करता है कि आज के इस आधुनिक टेक्नोलॉजी के दौर में विभिन्न ई-सुविधा प्रोवाइडर कंपनियों के नियमों से अवगत रहते हुए डाटा हैकिंग, लोकेशन ट्रैकिंग और अन्य प्रकार के फ्राड से बचें। सतर्क रहें, टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करें।