सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (सीबीआई) ने ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो 30 साल पहले मर चूका है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की आरोपी की उम्र 70 साल है और उसपर 2.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। आरोपी को उसके अपने ही परिवार वालों ने 30 साल पहले मृत घोषित कर दिया था।
30 जुलाई, 1990 को निर्मल सिंह बाठ के खिलाफ जालंधर की यूनाइटेड कमर्शियल बैंक की एक ब्रांच में ढाई लाख की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। धोखाधड़ी करने वाला यह व्यक्ति उस बैंक का मैनेजर था। सूत्रों के मुताबिक, “निर्मल सिंह ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके फर्जी लोगों के नाम पर ट्रैक्टर, डेयरी उत्पाद और खुदरा व्यापार के लिए लोन पास करके बैंक को चूना लगाया था”।
सड़क हादसे से हुई थी मौत
अदालत ने आरोपी निर्मल सिंह को 1993 में ही अपराधी घोषित कर दिया था लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान निर्मल सिंह लापता हो गया।
निर्मल सिंह के गायब होने के षड्यंत्र में उनके करीबी रिश्तेदार भी शामिल थे। उन्होंने ने ही यह अफवाह भी फैलाई की उत्तर प्रदेश की यात्रा के दौरान सड़क हादसे में निर्मल सिंह की मौत हो गयी है।
कहानी रचते रचते कथित तौर पर निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया और निर्मल सिंह का नकली मृत्यु प्रमाणपत्र भी पेश कर दिया गया।
लेकिन मामले की जांच कर रही सीबीआई ने निर्मल सिंह की मौत की पुष्टि नहीं की और तलाश जारी रखी।
निर्मल सिंह बने मृणाल सिंह
वहाँ निर्मल सिंह ने अपना नाम बदल कर मृणाल सिंह रख लिया और उसी नाम से जाली पहचान पत्र और पासपोर्ट बनवा लिया। बदले हुए नाम और फर्जी पासपोर्ट के साथ निर्मल सिंह मृणाल बनकर अमेरिका चला गया।
निर्मल सिंह के इस करतूत से अनजान सीबीआई ने अपनी तलाश जारी रखी। सबकुछ सही चल रहा था निर्मल सिंह के लिए परन्तु वो एक गलती कर बैठे। निर्मल सिंह अपने निजी काम से पटियाला आ गए और इस बात की खबर सीबीआई को लग गयी। सीबीआई की एक टीम ने निर्मल सिंह के घर पर छापा मारा और उसे हिरासत में ले लिया।
अदालत ने 12 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा
सूत्रों का कहना है कि सीबीआई टीम को देखकर निर्मल सिंह ने खुद को पहचानने से इनकार कर दिया और कहा कि बैंक फ्रॉड के मामले में वे जिस व्यक्ति को वे ढूंढ रहे हैं, वह कोई और है। पकड़े जाने पर निर्मल सिंह ने बैंक फ्रॉड प्रकरण से अनभिज्ञता जाहिर की।
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सीबीआई के अधिकारी ने बताया, “निर्मल सिंह के निवास पर छापेमारी के दौरान हमने अमेरिका में टेक्सास अथॉरिटी की ओर से जारी एक ड्राइविंग लाइसेंस, अन्य आई-कार्ड, पासपोर्ट और कई दस्तावेज जब्त किए हैं”।
निर्मल सिंह को अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 12 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। लेकिन निर्मल सिंह की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती कराया गया है।