भारतीय रेलवे ने टिकट रद्द होने की वजह से यात्रियों को 1885 करोड़ रुपये वापस किए हैं। रेलवे ने ऑनलाइन मोड से 21 मार्च से 31 मई, 2020 तक बुक किए गए टिकटों पर यात्रियों को टिकट रद्द करने की दिशा में सफलतापूर्वक 1885 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं। रेलवे ने आरक्षित टिकटों की पूरी लागत वापस करने में कामयाबी हासिल की है।
यह राशि उस खाते में स्थानांतरित कर दी गई है जहां से टिकट बुक करने के लिए पहले भुगतान किया गया था। भारतीय रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया कि यात्रियों को समय पर रिफंड मिले और उनके रिफंड लेने के लिए पीआरएस काउंटर पर जाने में असुविधा का सामना न करना पड़े।
गौरतलब हो कि रेलवे ने अपनी नियमित यात्री ट्रेन सेवाओं को 25 मार्च से स्थगित कर दिया था क्योंकि भारत में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी।
चूंकि तब ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को रेल यात्रियों को भारी मात्रा में धन वापसी की चुनौती का सामना करना पड़ा।
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रेलवे अपनी पटरी पर लौटता दिख रहा है, क्योंकि सरकार ने 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के अलावा 1 जून से 200 टाइम-टेबल स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया था। 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल ए.सी. ट्रेनें चलने लगी थीं।