नागरिकता क़ानून के विरोध की आड़ में दिल्ली शहर का दंगाईयों ने क्या हश्र किया था, ये शायद ही कोई भूला हो। दिल्ली के कई हिस्से धू धू कर जल उठे थे। कई घरों को इस विरोध प्रदर्शन में खाक कर दिया गया था। सडकों पर शवों के ढ़ेर थे। कई माओं ने अपने लाडलों को खोया। और कई दंगाई अपनी ही लगाई आग में जल उठे। नालों से कई दिनो तक लाशें बरामद होती रहीं। ये पूरा मंज़र बेहद भयावह रहा। दरअसल विरोध प्रदर्शन के पर्दे के पीछे ‘दिल्ली दंगे’ की खूनी स्क्रिप्ट तैयार की जा रही थी।
बामुश्क़िलन इस देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को खत्म करने के लिये प्रशासन को काफ़ी मशक़्क़त करनी पड़ी थी। दरअसल ये विरोध प्रदर्शन कम बल्कि एक प्लान के तहत रचा गया ‘प्रोपगन्डा’ ज़्यादा था। देश के अलग इलाक़ों में चल रहे इस विरोध प्रदर्शनों के लिये जमकर पैसे खर्च किये जा रहे थे। प्रदर्शनों में शामिल होने वाले लोगों को तीनो पहर खाने पीने की सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही थी। एक प्रदर्शन स्थल पर सैकडों लोग जुटते थे। नारेबाज़ी होती, भाषणों का दौर चलता और मुस्लिम महिलाओं की रटी रटाई मीडिया बाइट। कुल मिलाकर सब योजना के मुताबिक चल रहा था।
लेकिन अचानक क़ानून पर सहमति और असहमति को लेकर सडकों पर पत्थर बरसने लगे। बस फिर क्या था! मानो राजधानी दिल्ली को योजनाबद्ध तरीक़े से बारूद पर रखा गया और दिल्ली साजिशों की आग का शिक़ार हो गयी। दिल्ली बदसूरत हो चुकी थी। रिहाईशियों की आंखों में डर था। अस्पतालों में हर मिनट किसी की मौत पर चीख पुकार। मोर्चरी के बाहर दंगो के शिक़ार हुए अपनो के शव लेने के लिये खड़े परिवारों की भीड़ लगी रहती थी। ये सब कुछ अकल्पनीय आंखों देखी है।
हालांकि इन सब चीज़ों का शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन पर कोई असर नही हुआ। मानो पूरी घटना का हेडक्वार्टर रहा हो। एक तरफ दिल्ली जल रही थी। वहीं दूसरी तरफ शाहीन बाग में नागरिकता ‘क़ानून’ के साथ और कई चीज़ों से आज़ादी के नारे लग रहे थे। प्रदर्शन के लिये कई किमी रास्ते पर कब्जा कर लिया गया था। आवाजाही के लिये इस्तेमाल होने वाली सड़क का इस्तेमाल अब नारेबाज़ी और नौटंकीयों के लिये किया जाने लगा था। गैर कानूनी तरीक़े से सड़क पर कब्जा कर बैठे लोगो से महज़ कुछ मीटर दूरी पर बड़ी तादाद में पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स बड़ी तादाद में तैनात रहती थी। ये सब कोई कहानी नही बल्कि राजधानी के सीने पर खून से लिखा गया ‘काला’ इतिहास है जो हमेशा दिल्ली वालों की रगों में सिहरन पैदा करेगा।
लेकिन अब एक बार फिर उस घाव को क़ुरेदने की कोशिश की जा रही है। कोरोना के चलते दबे पांव भागे प्रदर्शनकारी अब एक बार फिर एकजुट होने की साजिश रच रहे।लॉकडाउन में रियायत मिलते ही दिल्ली में एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन की दबी ज़बान के साथ तैयारी की जा रही है। मुसलमानों को एकजुट करने के लिये सोशल मीडिया का चालाक़ी से इस्तेमाल किया जा रहा। दरअसल वाट्सऐप ग्रुप पर शेयर किये जा रहे मैसज़ेस से दिल्ली पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियों के भी कान खड़े हो गये हैं। मिले इस इनपुट के बाद दिल्ली पुलिस तुरंत हरक़त मे आ चुकी है। साऊथ दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। इसके साथ ही दूसरे संवेदनशील इलाक़ों जैसे नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद इलाके में भी सुरक्षा चाक चौबंद करने के साथ खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
[visual-link-preview encoded=”eyJ0eXBlIjoiaW50ZXJuYWwiLCJwb3N0IjoyOTc0LCJwb3N0X2xhYmVsIjoiUG9zdCAyOTc0IC0g4KSs4KS+4KSv4KSV4KWJ4KSfIOCkmuCkvuCkiOCkqOCkviDgpKrgpLAg4KSs4KWM4KSW4KSy4KS+4KSv4KS+IOCkmuClgOCkqCB8IOCkuOCksOCkleCkvuCksOClgCDgpIXgpZngpKzgpL7gpLAg4KSV4KWHIOCknOCksOCkv+Ckr+ClhyDgpKbgpYAg4KSt4KS+4KSw4KSkIOCkleCliyDgpJrgpYfgpKTgpL7gpLXgpKjgpYAsIOCkleCkueCkviDgpK/gpYHgpKbgpY3gpKcg4KSu4KWH4KSCIOCkleCksCDgpKbgpYfgpILgpJfgpYcg4KSt4KS+4KSw4KSkIOCkleClhyA1MCDgpJ/gpYHgpJXgpKHgpLzgpYcgfCIsInVybCI6IiIsImltYWdlX2lkIjoyOTc2LCJpbWFnZV91cmwiOiJodHRwczovL3d3dy5kZWFyZmFjdHMuY29tL3dwLWNvbnRlbnQvdXBsb2Fkcy8yMDIwLzA2L+CkrOCkvuCkr+CkleClieCkny3gpJrgpL7gpIjgpKjgpL4t4KSq4KSwLeCkrOCljOCkluCksuCkvuCkr+Ckvi3gpJrgpYDgpKgtMjQweDE3Mi5wbmciLCJ0aXRsZSI6IuCkrOCkvuCkr+CkleClieCknyDgpJrgpL7gpIjgpKjgpL4g4KSq4KSwIOCkrOCljOCkluCksuCkvuCkr+CkviDgpJrgpYDgpKggfCDgpLjgpLDgpJXgpL7gpLDgpYAg4KSF4KWZ4KSs4KS+4KSwIOCkleClhyDgpJzgpLDgpL/gpK/gpYcg4KSm4KWAIOCkreCkvuCksOCkpCDgpJXgpYsg4KSa4KWH4KSk4KS+4KS14KSo4KWALCDgpJXgpLngpL4g4KSv4KWB4KSm4KWN4KSnIOCkruClh+CkgiDgpJXgpLAg4KSm4KWH4KSC4KSX4KWHIOCkreCkvuCksOCkpCDgpJXgpYcgNTAg4KSf4KWB4KSV4KSh4KS84KWHIHwiLCJzdW1tYXJ5Ijoi4KSt4KS+4KSw4KSkIOCkruClh+CkgiDgpJrgpYDgpKjgpYAg4KSq4KWN4KSw4KWL4KSh4KSV4KWN4KSf4KWN4KS4IOCkleClhyDgpKzgpL7gpK/gpJXgpYngpJ8g4KSq4KSwIOCkrOCljOCkluCksuCkvuCkr+CkviDgpJrgpYDgpKgsIOCkreCkvuCksOCkpOClgOCkr+Cli+CkgiDgpJXgpYsg4KSs4KSk4KS+4KSv4KS+IOCkhuCksuCkuOClgCDgpJTgpLAg4KSY4KSf4KS/4KSv4KS+IOCkruCkvuCkqOCkuOCkv+CkleCkpOCkviDgpJXgpYcg4KSy4KWL4KSXIHwgIFsmaGVsbGlwO10iLCJ0ZW1wbGF0ZSI6InVzZV9kZWZhdWx0X2Zyb21fc2V0dGluZ3MifQ==”]
आज सुबह तक़रीबन 10 बजे शाहीन बाग में छुपे तरीके से प्रदर्शन की इत्तला होते ही लगभग 100 पुलिस वालों ने यहां पर मोर्चा संभाल लिया। सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से शाहीन बाग में गुपचुप तरीक़े से मीटिंग कर रहे थे। दरअसल पिछ्ली बार ये प्रदर्शन 100 दिनो से ज़्यादा चला था। जो कि इसकी शुरुआती दौर में पुलिस की लापरवाही का नतीजा था। लेकिन अब पुलिस प्रशासन कोई रिस्क नही लेना चाहता। शाहीन बाग से महज़ कुछ मीटर दूर स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी समेत इसके आस पास इलाक़ों में कड़ी निगरानी रखी जा रही। गौरतलब है कि यहां दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शन में कई गाड़ियां जला दी गई थीं। वहीं जाफराबाद के पिछले प्रदर्शन स्थल पर सीआरपीएफ की महिला विंग को तैनात किया गया है।