साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लगने हैं। जिनमें से एक ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है जो चंद्र ग्रहण था। वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण एक खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में से गुजरता है। वहीं चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाती है।
जून में दो ग्रहण लगेंगे। 5 जून को चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) तो 21 जून को सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)। खास बात ये है कि ये दोनों ही ग्रहण भारत में देखे जा सकेंगे।
ग्रहण का प्रभाव: इस वर्ष आषाढ़ के महीने में 6 जून से 5 जुलाई के बीच तीन ग्रहण लगने जा रहे हैं। जिनमें जून में लगने वाले दोनों ग्रहण भारत में दिखाई देंगे। वहीं 4 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण अफ्रीका और अमेरिका में दिखाई देगा। ज्योतिष अनुसार भारत और विश्व के लिए 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद संवेदनशील है।
मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे जो अशुभ संकेत है। इसी के साथ ग्रहण के समय शनि, गुरु, शुक्र और बुध वक्र स्थिति में रहेंगे। राहु और केतु तो सदैव उल्टी चाल ही चलते हैं तो इस लिहाज से कुल 6 ग्रह वक्री रहेंगे। ये स्थिति पूरे विश्व में उथल पुथल मचाएगी। ग्रहण के कारण इस बड़े ग्रहों के वक्री होने से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा रहेगा। जन-धन की हानि हो सकती है।