नेपाल के बाद अब चीन ने एक बार फिर भारत के साथ तनातनी का माहौल पैदा कर दिया है। पूर्वी लद्दाख में ‘लाइन ऑफ़ ऐक्चुअल कण्ट्रोल’ पर चीन के साथ माहौल गरमाया हुआ हैं। सूत्रों के मुताबिक एलएसी की 3 जगहों पर भारतीय और चीनी सैनिक अब आमने सामने हैं।एलएसी पर चीनी सैनिकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए भारतीय सेना भी चौकन्नी हो गयी है। दरअसल पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीनी सैनिक 3 जगहों पर डेरा जमाए हुए हैं। इतना ही नहीं, टेंट लगाने के साथ ही चीनी सैनिकों ने वहां पर सर्विलांस मशीन्स भी लगा रखी है। वहीं इन सब हालातों को भांपते हुए इण्डियन आर्मी के आला अधिकारी स्थिति पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। आपको बता दें कि एलएसी पर भारतीय सैनिक, चीनी सैनिकों से महज साढे तीन सौ मीटर की दूरी पर मोर्चा संभाले हुए हैं।
आखिर क्या है चीन की बौखलाहट की वजह ?
दरअसल लद्दाख में भारतीय सेना पहले से काफी ज़्यादा मजबूत हुई है। ऑल वेदर रोड बनने के बाद अब भारतीय जवानों को कम वक़्त में एलएसी तक पहुंचाया जा सकता है।वहीं दौलत बाग ओल्डी में एयरफोर्स की एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तैयार होने से इंडियन आर्मी ताकत में पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में अब भारतीय सेना, पूर्वी लद्दाख में चीन की हर गलत हरक़त का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है, जिसके चलते चीन बुरी तरह बौखलाया हुआ है।
लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के हाथ में पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा की बागडोर
उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने पूर्वी लद्दाख की कमान सम्भाल ली है। लेफ्टिनेंट जनरल जोशी लद्दाख में हाई अल्टीट्यूड वारफेयर में महारथ हासिल है। इससे पहले जनरल जोशी लद्दाख सुरक्षा की बागडोर संभालने वाली सेना की 14 कोर के कोर कमांडर भी रह चुके हैं। वहीं कारगिल वॉर के दौरान बहादुरी के लिए उन्हें वीरचक्र से भी सम्मानित किया जा चुक है।