समाचार-पत्र में नागरिक सुरक्षा कोर के लिए स्वयंसेवकों के नामांकन के लिए जारी किए एक विज्ञापन में,दिल्ली सरकार ने सिक्किम को एक स्वतंत्र देश के रूप में संदर्भित किया है। इस विज्ञापन की चारों ओर घोर आलोचना हो रही है।
दिल्ली सरकार के अखबारों पर दिए एक विज्ञापन में नेपाल और भूटान के साथ साथ सिक्किम का भी एक “स्वतंत्र देश” के रूप में जिक्र किया है जो एक अपराध है। सिक्किम राज्य सरकार ने मांग की है कि विज्ञापन को तुरंत वापस ले लिया जाए, क्योंकि ये “बेहद आहत” करने वाला है।
दिल्ली सरकार को लिखे एक पत्र में, सिक्किम के मुख्य सचिव ने उल्लेख किया है कि यह विज्ञापन भारत के नागरिकों के रूप में अपने पर ‘गर्व करने वाले’ सिक्किम के लोगों के लिए बहुत दुखदायी है। उन्होंने लिखा है कि “यह सिक्किम के लोगों के लिए बहुत दुख की बात है ,जो हमारे महान देश भारत के नागरिक होने पर गर्व करते हैं, जब से सिक्किम को 16 मई 1975 को भारतीय संघ का 22 वां राज्य बनाया गया है।”
पत्र में आगे कहा गया है कि, “मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आपत्तिजनक विज्ञापन को तुरंत वापस लें और सिक्किम के लोगों की भावनाओं को समझाने के लिए एक उपयुक्त विज्ञप्ति जारी करें।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोलय) ने भी दिल्ली सरकार की खिंचाई की है। त्रुटि को “निंदनीय” बताते हुए, सीएम प्रेम सिंह तमांग ने दिल्ली सरकार से इस मुद्दे को सुधारने का अनुरोध किया।
तमांग ने ट्विटर पर कहा, सिक्किम भारत का हिस्सा है और यह निंदनीय है और मैं दिल्ली सरकार से इस मुद्दे को सुधारने का अनुरोध करूंगा।
Sikkim is a part of India and should not be sethis is condemnable and I would request the Delhi Government to rectify this issue.@CMODelhi @AamAadmiParty pic.twitter.com/VmLiGPqOew
— Prem Singh Tamang (Golay) (@GolayPs) May 23, 2020
इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि सिक्किम भारत का अभिन्न अंग है, और इस तरह की त्रुटियों को “बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है”। केजरीवाल ने कहा कि विज्ञापन वापस ले लिया गया है और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस कॉर्प्स के लिए स्वयंसेवकों के नामांकन के लिए अखबारों पर एक विज्ञापन दिया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जानकारी दी कि विज्ञापन को प्रकाशित करने के लिए नागरिक सुरक्षा निदेशालय (मुख्यालय) के एक वरिष्ठ अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
A senior officer of Directorate of Civil Defence (HQ) has been suspended with immediate effect for publishing an Advertisement which disrespects the territorial integrity of India by making incorrect reference to Sikkim on the same lines as some neighbouring countries.
— LG Delhi (@LtGovDelhi) May 23, 2020
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी दिल्ली सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूक रही है। ट्विटर पर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को आड़ें हाथों ले रही है। भाजपा ने केजरीवाल सरकार की त्रुटि को “असंवेदनशीलता” बताते हुए, उत्तर पूर्व के लोगों से माफी मांगने को कहा है।
On 15 May 1975, the President of India ratified a constitutional amendment that made Sikkim the 22nd state of India. Stop misleading people!
CM @ArvindKejriwal should apologise to the people of North East who are proud Indians, for this insensitivity.
https://t.co/n8xM39qabP pic.twitter.com/UPsjoNStBe— BJP Delhi (@BJP4Delhi) May 23, 2020
दिल्ली सरकार के इस निंदनीय कृत के बात राजनीति को भी हवा देने का काम कर दिया है। विपक्षी पार्टी और दिल्ली सरकार, ट्विटर के जरिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं।
इस मुश्किल दौर में जब दिल्ली सरकार अन्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहती है, भाजपा और कॉंग्रेस के नेता ओछी राजनीति में व्यस्त हैं। दिल्ली सरकार का यह विज्ञापन साफ़ तौर पर MHA के निर्देशों का पालन करता है।
AAP की अपील, राजनीति से ऊपर उठ देश की जनता के लिए करें काम। pic.twitter.com/s4Nc80nbvt
— AAP (@AamAadmiParty) May 23, 2020
गौरतलब हो कि दिल्ली सरकार की सिक्किम राज्य को अलग देश के रूप में प्रदर्शित करने की ये चूक उस समय हुई है, जब नेपाल जैसे पड़ोसी देश सिक्किम को अपने देश का हिस्सा बताकर, भारत की क्षेत्रीय अखंडता को ठेस पहुंचा रहे हैं।