कोरोनावायरस और लॉकडाउन के बीच, सरकार ग्रेच्युटी के नियमों को बदलना चाहती है। यदि ऐसा हुआ तो निजी और सरकारी क्षेत्रों के करोड़ों कर्मचारियों को फायदा हो सकता है। ग्रेच्युटी, जो अब तक 5 साल पूरा होने पर ही मिलती थी, अब 1 साल पूरा होने के बाद से ही लागू हो सकती है। हालांकि, सरकार को इस नियम को बदलने के लिए संसद सत्र का इंतजार करना होगा। गौरतलब हो कि 10 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी को नियमानुसार ग्रेच्युटी देनी होती है।
क्या हैं Gratuity के नियम-
कंपनी में 5 साल पूरे होने पर कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार बन जाता है। 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर उसे यह राशि नहीं मिलती है। ग्रेच्युटी से संबंधित एक महत्वपूर्ण नियम यह भी है कि यदि कर्मचारी की 5 साल की सेवा से पहले मृत्यु हो जाती है, तो कंपनी को ग्रेच्युटी की राशि का भुगतान परिवार को करना होता है। इसी तरह, अगर कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान विकलांग हो जाता है, तो कंपनी को उसे भी ग्रेच्युटी देनी पड़ती है।
अगर सरकार ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव करती है और भुगतान की सीमा पांच साल से घटाकर एक साल कर देती है, तो इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जिन्हें किसी भी कारण से 5 साल से पहले नौकरी छोड़नी पड़ती है।